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ऑक्सीजन आपूर्ति को लेकर जवाहिर चिकित्सालय बना आत्मनिर्भर

बाराबंकी का ऑक्सीजन प्लांट बंद, लखनऊ समेत कई जिलों की सप्लाई ठप

कोरोना महामारी के दौर में देशभर में ऑक्सीजन की मांग जोर पकड़ने लगी है। ऐसे में जैसलमेर में भी ऑक्सीजन की व्यवस्था को लेकर जिला प्रशासन एवं चिकित्सा महकमा गंभीर है। हाल ही में जैसलमेर के जवाहर चिकित्सालय ने ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित कर अस्पताल को ऑक्सीजन आपूर्ति के रूप में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में पहला कदम बढ़ाया है।

‘संयत्र की क्षमता और बढ़ेगी’

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस संयत्र की क्षमता को और बढ़ाया जा सकता है। जवाहिर चिकित्सालय के ट्रॉमा सेंटर से आगे दो यूनिट लगाई गई है। जिसमें एक यूनिट 24 घंटे निर्बाध रूप से हवा से ऑक्सीजन बनाने का कार्य कर रही है। वहीं दूसरी यूनिट स्वचालित इकाई है, जिसमें ऑक्सीजन सिलेंडर जोड़े गए है। इससे विद्युत आपूर्ति बाधित होने पर सिलेंडर से पाईपलाईन के माध्यम से मरीजों तक वार्डों में ऑक्सीजन भिजवाई जा सके।

वर्तमान में ऑक्सीजन संयत्र से लगभग 160 लीटर ऑक्सीजन प्रतिदिन बनाने का कार्य प्रगति पर इसे स्टोर नहीं किया जा सकता। लेकिन सीधे मरीजों तक ऑक्सीजन आपूर्ति की जा सकती है।

‘ऑक्सीजन की मात्रा को और बढ़ाएंगे’

जिला कलेक्टर आशीष मोदी ने बताया कि जैसलमेर में ऑक्सीजन की पर्याप्त भंडारण स्थिति है। हम ऑक्सीजन की मात्रा को और बढ़ाने की दिशा में कार्य कर रहे हैं। हाल ही में राज्य सरकार के सहयोग से जवाहिर चिकित्सालय में ऑक्सीजन संयंत्र चालू कर दिया गया है। जिससे अब निर्बाध रूप से ऑक्सीजन अस्पताल में मरीजों को मिल रही है। साथ ही जैसलमेर के पास 130 सिलेण्डर का भंडारण रिजर्व है, जिससे सीएचसी और पीएचसी को भी ऑक्सीजन सिलेंडर सप्लाई किए जा रहे है।

‘अस्पताल में ऑक्सीजन संयत्र की स्थापना’

मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी जवाहिर चिकित्सालय डॉ जेआर पंवार ने बताया कि जिले के सबसे बड़े अस्पताल में ऑक्सीजन संयत्र की स्थापना कर प्रारम्भ कर दिया गया है, जिसकी क्षमता 160 लीटर की है। इससे एक बार में लगभग 40 मरीजों को ऑक्सीजन आपूर्ति की जा सकती है।

इसके अलावा 100 से अधिक सिलेंडर अस्पताल स्टोर में भंडारित किए गए है। जिससे जिले के समस्त सरकारी अस्पतालों, सामुदायिक केन्द्र इत्यादि में ऑक्सीजन सप्लाई की जा सकती है। वर्तमान में कोरोना महामारी के दौर में जैसलमेर आत्मनिर्भर है इसके बावजूद भी अगर भविष्य में अधिक ऑक्सीजन की आवश्यकता पड़ी तो बाड़मेर स्थित बॉटलिंग प्लान्ट से सिलेंडर के रूप में ऑक्सीजन मिल सकेगी फिलहाल ऑक्सीजन को लेकर चिन्ता की बात नहीं है ।

नरेश सोनी

जैसलमेर

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