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जमीन पर दरी में बैठे जावेड़कर, पूछा- डिजीटल शिक्षा से क्या फायदा है ?

Prakash jawdekar जमीन पर दरी में बैठे जावेड़कर, पूछा- डिजीटल शिक्षा से क्या फायदा है ?

रायपुर। केंन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने रविवार को सवेरे छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में राज्य शासन द्वारा मुख्यमंत्री बाल भविष्य सुरक्षा योजना के तहत संचालित प्रयास आवासीय विद्यालयों के बच्चों से मुलाकात की। जावड़ेकर ने सभाकक्ष में जमीन पर दरी में बैठकर बच्चों से उनकी पढ़ाई और भविष्य के सपनों के बारे में कई सवाल भी किए और उनका हौसला बढ़ाया।

Prakash jawdekar

जावड़ेकर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के विकास के लिए ‘सबको शिक्षा-अच्छी शिक्षा’ की जरूरत पर बल दिया है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा मुख्यमंत्री बाल भविष्य सुरक्षा योजना के तहत संचालित प्रयास विद्यालय ‘सबको शिक्षा-अच्छी शिक्षा’ देने का सार्थक और सफल उदाहरण है।

केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ‘प्रयास’ विद्यालय में बच्चों के बीच जमीन पर बैठकर उनसे कई सवाल भी पूछे। जावड़ेकर ने पूछा कि स्कूल और प्रयास में क्या अलग है, वो क्या बनना चाहते हैं, डिजिटल शिक्षा मिलने से क्या फायदा है तथा पढ़ाई के अलावा और कौन-कौन सी बातें यहां सीखने को मिल रही हैं।

प्रयास विद्यालय में अध्ययन के बाद एनआईटी में चयनित हुए अंबिकापुर के सूरज ने बताया कि पहले आई.आई.टी., एनआईटी के बारे में नहीं जानता था, यहां चीजों को फील करना सिखाया जाता है। गरियाबंद की अनीता कंवर ने कहा कि यहां परीक्षा पास करने के लिए नहीं बल्कि भविष्य बनाने की शिक्षा मिल रही है। कांकेर के रामकिशोर ने कहा कि वो कलेक्टर, इंजीनियर नहीं बल्कि शिक्षक बनाना चाहता है ताकि अपने जैसे हजारों बच्चों को कलेक्टर और इंजीनियर बना सके।

सुकमा के भुवनेश्वर मरकाम ने कहा कि नक्सलियों ने उसके पिताजी को मारा है वो कलेक्टर बनकर अपने गांव का विकास करना चाहता है ताकि नक्सलियों की सोच बदल सके। राजनांदगांव के जयप्रकाश ने बताया कि यहां पढ़ाई के साथ-साथ स्वच्छता, खेलकूद, बागवानी तथा मेस संचालन की भी शिक्षा मिल रही है। कांकेर की कु. रीना ने कहा कि डिजीटल शिक्षा से सब कुछ दिमाग में क्लिक हो जाता है।

बच्चों के जबाव सुनकर प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि सही मायने में यही शिक्षा है जो जीवन को संबल प्रदान करती है। शिक्षा से आपके, परिवार, समाज, प्रदेश और देश की तस्वीर बदलती है। जावड़ेकर ने प्रयास विद्यालय के शिक्षकों की भी प्रशंसा की जो बच्चों के भविष्य निर्माण में उल्लेखनीय भूमिका निभा रहे है। जावड़ेकर ने कहा कि ईश्वर के दर्शन के लिए मंदिर कभी-कभी जाता हूं परंतु जब भी मन करता है स्कूल चला जाता हूं, क्योंकि यहीं मेरा मंदिर है।

मानव संसाधन विकास मंत्री रविवार को यहां राजधानी रायपुर के गुढ़ियारी में नक्सल हिंसा से प्रभावित छात्र-छात्राओं के उन्नयन के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा संचालित ‘प्रयास’ आवासीय विद्यालय के अवलोकन के दौरान उक्त आशय के विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ शासन के आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास मंत्री केदार कश्यप भी उपस्थित थे।

उल्लेखनीय है कि नक्सल प्रभावित जिलों के मेधावी बच्चों को ग्यारहवीं और बारहवीं कक्षाओं में प्रवेश देकर उन्हें इन विद्यालयों में पीएमटी, पीईटी और जेईई जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए नि:शुल्क कोचिंग भी दी जा रही है। राजधानी रायपुर सहित सभी पांच संभागीय मुख्यालयों में प्रयास आवासीय विद्यालय संचालित किए जा रहे हैं।

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