केंद्र के दावों के बाद जम्मू केे चार जिलो में बसे हैं कई रोहिंग्या, श्रीनगर में क्राइम ब्यूरो ने मारा छापा
भारत खबर, जम्मू कश्मीर, राजेश विद्यार्थी
जम्मू में रोहिंग्यां के बसने और इनसे कुछ गैर सरकारी संगठन ‘एनजीओ‘ द्वारा सफाई कर्मचारी का काम लेने की शिकायत के बाद सीबीआई ने सोमवार को जम्मू नगर निगम कार्यालय पर छापा मारा। सीबीआई ने नगर निगंम के मुख्य ट्रांसपोर्ट अधिकारी, हैल्थ आफिसर के कार्यालय का रिकार्ड सीज किया। ट्रांसपोर्ट अधिकारी और हैल्थ आफिसरों का ही सफाई कर्मचारियों का रिकार्ड रखने का जिम्मा होता है। सीबीआई के अधिकारियो के अनुसार पूरे रिकार्ड की जांच की जा रही है। जन्मतिथि रिकार्ड को भी हासिल किया गया है। दोनों रिकार्ड की जांच करने के बाद ही रोहिंग्यां कर्मचारियों का पता किया जाएगा। सीबीआई को सामाजिक कार्यकर्ता अजात जंवाल की शिकायत मिली थी। शिकायत पर प्राथमिक जांच की गई और सोमवार को नगर निगम कार्यालय से रिकार्ड सीज किया गया है।
चार जिलों में बसे हैं रोहिंग्या
जम्मू। भारत खबर से बात करते हुए शिकायतकर्ता समाज सेवक का कहना है कि केंद्र सरकार लगातार दावे कर रही है कि रोहिंग्या को वापस भेजा जा रहा है। इसके बावजूद जम्मू कश्मीर में कुछ एनजीओ की मदद से रोहिंग्या बसे हैं और सफाई कर्मचारीर व सीवरेज सफाई का काम कर रहे हैं। अधिकतकर रोहिंग्या जम्मू संभाग के चार जिलो में बसे हैं। रोहिंग्या बिना रोकटोक आर्मी कैंप, पुलिस लाइन और रेलवे लाइन के नजदीक अपने तंबू लगाकर रह रहे हैं। ज्यादातर रोहिंग्या कचरा बीनने और सीवरेज लाइन बिछाने का काम करते हैं, इलेक्ट्रॉनिक सामान रिपेयरिंग और मांस की दुकानें इनकी रोजी का जरिया जम्मू म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन (जेएमसी) में रोहिंग्या दिहाड़ी मजदूरों को तरजीह दी जा रही है। इस मामले में वह आरटीआई भी लगाएंगे।
200 रोहिंग्या कर रहे हैं कामः रिंकु गिल
जम्मू। जेएमसी के सफाई कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष रिंकू गिल बताते हैं। जम्मू में नालों की सफाई के लिए ठेकेदारों के पास करीब 200 रोहिंग्या काम कर रहे हैं। स्थानीय भाषा में इन्हें ‘‘नाला गैंग‘ कहते हैं। इन्हें 3 से 5 फीट की गहरी नालियों की सफाई करनी होती है। इसके लिए हर व्यक्ति को रोज 400 रुपए दिए जाते हैं। जेएमसी में स्थानीय लोगों की अनदेखी कर इन्हें रखा जा रहा है। ठेकेदारों ने इन रोहिंग्याओं को लाने-ले जाने के लिए ट्रांसपोर्ट व्हीकल का इंतजाम भी किया है। काम पर जाने से पहले ये मजदूर स्थानीय जेएमसी सुपरवाइजर के ऑफिस में अटेंडेंस भी लगाते हैं।
निगम भी करेगा अपनी तरफ से जांच: मेयर
जम्मू। जेएमसी के मेयर चंदर मोहन गुप्ता से बात की गई, तो उन्होंने कहा- जिस तरह से सरकार रोहिंग्या और अन्य सभी अवैध अप्रवासियों को बाहर करना चाहती है, उसी तरह से हम भी जम्मू से इन्हें बाहर कर रहे हैं। गुप्ता दावा करते हैं कि जेएमसी में हम मजदूरों-कर्मियों की जांच करते हैं और यहां तक कि जेएमसी से जुड़े एनजीओ भी मजदूरों का रिकॉर्ड रखते हैं। सीबीआई जांच के अलावा नगर निगम भी अलग से अपनी जांच करेगा।
राज्य गृह विभाग ने रोहिंग्याओं पर जारी रिपोर्ट की थी
जम्मू। दो फरवरी 2018 को राज्य विधानसभा में पेश हुई जम्मू-कश्मीर गृह विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य के 5 जिलों के 36 अलग-अलग स्थानों पर रोहिंग्याओं की झुग्गियां मिली थी। इनमें 6523 रोहिंग्या पाए गए थे। इनमें से 6471 जम्मू में और 62 कश्मीर में थे। इस रिपोर्ट के अनुसार, जम्मू के बाहरी इलाके सुंजवान क्षेत्र में मिलिट्री स्टेशन के पास भी रोहिंग्यां रहते हैं। इनमें 48 रोहिंग्या परिवारों के 206 सदस्य पाए गए।
आतंकी समर्थक होने का भी है शक
जम्मू। 10 फरवरी 2018 को आतंकवादियों ने सेना के सुंजवान कैंप पर हमला किया था। तब सुरक्षा बलों ने गंभीर चिंता जताई और पाया कि इन आतंकवादियों को अवैध प्रवासियों ने शरण दी होगी। हालांकि, सबूत नहीं मिले और किसी भी अवैध अप्रवासी की जांच नहीं की गई। कई सैन्य प्रतिष्ठानों के पास इनके घर हैं और अपने परिवार के साथ रहते हैं।
श्रीनगर में अलग मामले में छापा
जम्मू। राज्य क्राइम ब्यूरों ने भी श्रीनगर नगर निगम कार्यालय मंे छापा और एक अधिकारी को पूछताछ के लिए पकड़ा हैं। क्राइम ब्यूरो ने रिकार्ड से झेड़छाड़ मामले की जांच के लिए छापा मारा हैं। इस मामले में रोहिंग्या का कोई एंगल नहीं है। ब्यूरो अधिकारी खबर लिखे जाने तक जांच कर रहे थे।