इन दिनों कांग्रेस पार्टी के अंदर कलह की स्थिति बनी हुई है। इस दौरान राहुल गांधी कांग्रेस पार्टी को एकजुट करने में लगे हुए हैं। इस के मद्देनजर वे शुक्रवार को अंबेडकर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन 2017 में हिस्सा लेने कनार्टक के कर्नाटक जाएंगे। यह आयोजन 21 से 23 जुलाई तक कनार्टक के बेंगलुरू में आयोजित किया जा रहा है। इस कॉनक्लेव (अंबेडकर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन 2017) को सामाजिक अधिकारिता व अंबेडकर से जोड़ कर किया जा रहा है। राहुल गांधी ने कर्नाटक जाने से पहले उन्होंने केंद्र सरकार पर कश्मीर मुद्दे को लेकर जमकर वार किया।
राहुल गांधी ने कहा है कि पीएम मोदी की नीतियों से अब जम्मू-कश्मीर जलने लग रहा है। उनका मानना है कि पीएम मोदी कश्मीर मुद्दे को नहीं संभाल पा रहे हैं। उन्होंने कहा है कि कश्मीर भारत है और भारत ही कश्मीर है और कश्मीर हमारा आंतरिक मामला है इस पर मध्यस्थ की जरूरत नहीं है। उन्होंने पीएम मोदी की नीतियों को गलत बताते हुए कहा है कि कश्मीर मुद्दे पर किसी तीसरे की नसीहत की जरूरत भारत को नहीं है।
आपको बता दें कि कांग्रेस का एससी विभाग इसका आयोजन कर रहा है। इस तीन दिवसीय कार्यक्रम में देश-विदेश से विद्वान व वक्ता आएंगे, जो सामाजिक अधिकारिता और अंबेडकर पर अपने विचार रखेंगे। इसमें जहां 21 जुलाई को शाम साढ़े पांच बजे राहुल गांधी इस कार्यक्रम का शुरुआत करेंगे वहीं अगले दिन अंबेडकर पर सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है।
कार्यक्रम के बाकी दिन दलितों की समस्याओं, उनके राजनीतिक व सामाजिक हालात, देश में दलितों के खिलाफ बनते माहौल, उन पर हो रहे अत्याचार को लेकर चर्चा व मंथन होगा। हालांकि इस कार्यक्रम के समापन के मौके पर कांग्रेस अध्यक्ष हिस्सा ले सकती है फिलहाल सोनिया गांधी का कार्यक्रम अभी तय नहीं है। अंबेडकर सम्मेलन के आयोजन के पीछे जहां एक वजह देश में दलितों के खिलाफ बढ़ते अत्याचारों के खिलाफ मुद्दे को उठाना है, वहीं इसे कहीं न कहीं कनार्टक में होने वाले असेंबली चुनावों से भी जोड़कर देखा जा रहा है। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस के सामने एक चुनौती कनार्टक में अपने किले को बचाने की भी रहेगी। दरअसल, कांग्रेस की नजर राज्य के 24 फीसदी दलितों पर है।