जम्मू-कश्मीर में परिसीमन को लेकर तैयारियां ज़ोर-शोर से चल रही हैं। जो प्रक्रिया मार्च 2022 तक खत्म हो जाएगी, और इसके बाद यहां विधानसभा की 7 सीटें बढ़ेंगी। जिसकी जानकारी जम्मू में परिसीमन आयोग के चेयरपर्सन रंजना प्रकाश देसाई, सुशील चंद्रा और केके शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दी।
अनुसूचित जनजातियों के लिए सीटें आरक्षित
इस दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर में पहली बार अनुसूचित जनजातियों के लिए भी सीटों को आरक्षित किया जाएगा। उन्होने जानकारी दी कि हमने जम्मू-कश्मीर के सभी जिलों के अधिकारियों से मुलाकात की। सभी ने उन्हें कई महत्वपूर्ण जानकारी दी हैं।
परिसीमन 2011 के सेंसस पर आधारित
उन्होने कहा कि साल 1995 में जम्मू-कश्मीर में कुल 12 जिले थे, लेकिन अब यहां 20 जिले हो गए हैं। और तहसील की संख्या भी बढ़ी है। परिसीमन 2011 के सेंसस पर आधारित होगा। आयोग के सदस्यों ने 290 से अधिक दलों और संगठनों से मुलाकात की, जिसमें 800 के आसपास सदस्य थे। इन दलों ने परिसीमन पर खुशी जताई, वहीं कुछ दलों ने राजनतिक आरक्षण की भी मांग की।
नोडल अफसर बनाने की मांग की गई
बता दें परिसीमन आयोग ने चीफ सेक्रेटरी से भी मुलाकात की और प्रदेश के एक अधिकारी को नोडल अफसर बनाने की मांग की। आयोग ने कहा है कि जिन लोगों को इस परिसीमन पर कोई राय देनी हो वो इस नोडल अफसर को दे सकते हैं। जिन राजनीतिक दलों ने परिसीमन आयोग से दूरी बनाई हम दुआ करते है वो अगर मिलने आते।
‘जम्मू-कश्मीर में 7 नई सीटें जोड़नी हैं’
सुशील चंद्रा के मुताबिक परिसीमन एक कठिन प्रक्रिया है, लेकिन ये बेहद जरूरी है। हमें जम्मू-कश्मीर में 7 नई सीटें जोड़नी हैं साथ ही एसटी के लिए भी सीटों को आरक्षित करना है। इनके अलावा 24 सीटें पीओके के लिए अलग रहेंगी।
सभी दलों से सहयोग करने की अपील
बता दें कि कुछ वक्त पहले ही केंद्र सरकार की ओर से जम्मू-कश्मीर के तमाम राजनीतिक दलों के साथ बैठक की गई थी। जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगुवाई की थी, और सरकार की ओर से सभी दलों से परिसीमन की प्रक्रिया में सहयोग करने की अपील की गई थी।
जानकारी के मुताबिक, परिसीमन की प्रक्रिया होने के बाद जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव की ओर कदम बढ़ाए जा सकते हैं। सरकार ने भरोसा दिलाया है कि इन प्रक्रियाओं के पूरे होने के बाद पूर्ण राज्य के दर्जे पर भी बात की जाएगी।