जम्मू कश्मीर में पिछले सप्ताह गिरफ्तार किए गए लश्कर के आतंकी प्रमुख हिदायतुल्लाह ने खुलासा किया है कि हमले के मकसद से भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल के ऑफिस की रेकी की गई थी।
उरी सर्जिकल स्ट्राइक के बाद से ही अजीत डोभाल पाकिस्तान के आतंकी संगठनों के निशाने पर हैं.. और अब इस कड़ी में बड़ा खुलासा ये हुआ है कि जैश अपने आतंकी हिदायतुल्लाह के जरिए डोभाल को पिछले एक साल से निशाना बनाने की फिराक में था और इसके लिए वो अपने आतंकी के माध्यम से डोभाल के दफ्तर की रेकी भी कराई थी। ऐसे में इस खुलासे के बाद तुरन्त एक्शन लेते हुए अजीत डोभाल के घर और दफ्तर के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
बता दें कि 6 फरवरी को ही जम्मू कश्मीर पुलिस ने लश्कर-ए-मुस्तफा स्वयंभू प्रमुख हिदायतुल्लाह मलिक को गिरफ्तार किया था। बताया जा रहा है कि हिदायतुल्लाह जम्मू के भटिंडी इलाके में किराए पर मकान ले कर रह रहा था और वो इस बीच जम्मू में किसी बड़े फिदायीन हमले की साजिश की फिराक में था। पूछताछ में मलिक ने बताया है कि उसे डोभाल के दफ्तर सरदार पटेल भवन के अलावा CISF की सुरक्षा व्यवस्था का भी वीडियो बनाना था और ये सारे वीडियो मलिक को वॉट्सऐप के जरिए पाकिस्तानी हैंडलर को भेजने थे।
वैसे देखा जाए तो भारत के किसी भी दुश्मन देश के लिए डोभाल पर नजर रखना आम बात हो सकती है। मगर जब बात पाकिस्तान की हो तो मामला कुछ अधिक संगीन हो जाता है, क्योंकि बीते कुछ सालों में डोभाल के नेतृत्व में भारत ने पाकिस्तान की हर साजिश का मुहतोड़ जवाब दिया है। साथ ही जैश सरगना मसूद अजहर से तो डोभाल की पुरानी दुश्मनी है, क्योंकि साल 1994 में जब मसूद अजहर को गिरफ्तार किया गया था तब डोभाल ने ही उससे पूछताछ की थी और साल 1999 में कंधार विमान अपहरण के बाद डोभाल ही मसूद अजहर को लेकर कंधार एयरपोर्ट लेकर गए थे।
बात करें अजीत डोभाल की तो, उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में जन्मे डोभाल ने अपने करियर की शुरूआत बतौर आईपीएस की थी, जिसके बाद 1972 में भारतीय खुफिया एजेंसी आईबी से जुड़े। अजीत डोभाल, भारतीय सेना के महत्वपूर्ण ऑपरेशन ब्ल्यू स्टार से लेकर उरी सर्जिकल स्ट्राइक के लिए जाने जाते हैं।