नई दिल्ली। महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस की सरकार के सूत्रधार रहे शरद पवार ने अपने एक हालिया इंटरव्यू में पीएम मोदी से मिले प्रस्ताव, अजित पवार की बगावत समेत तमाम सवालों के जवाब दिए। एनसीपी चीफ ने इसका कारण भी बताया कि उन्होंने बीजेपी के ऊपर शिवसेना को क्यों तरजीह दी। पवार ने कहा कि बीजेपी के मुकाबले शिवसेना के साथ गठबंधन उतना कठिन नहीं है। उन्होंने माना कि पार्टी पर भतीजे अजित पवार की पकड़ मजबूत है, लेकिन क्या वह डेप्युटी सीएम बनेंगे, इसका जवाब देने से इनकार किया।
बता दें कि एनसीपी चीफ शरद पवार ने कहा कि बीजेपी के साथ गठबंधन की तुलना में शिवसेना के साथ गठबंधन ‘कठिन नहीं’ है। उन्होंने कहा कि उनके भतीजे अजित पवार ने पार्टी के साथ बगावत की थी क्योंकि महाराष्ट्र में कांग्रेस के साथ जिस तरह से बातचीत चल रही थी, उससे वह ‘पूरी तरह नाराज’ थे। धर्मनिरपेक्ष कांग्रेस-एनसीपी और दशकों तक उग्र हिंदुत्व की विचारधारा की समर्थक शिवसेना के बीच गठबंधन में केंद्रीय भूमिका निभाने वाले पवार ने कहा कि विचारधारा के स्तर पर अलग होने के बावजूद गठबंधन के बीच ‘पूर्ण समझदारी’ है। उन्होंने विश्वास जताया कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में महाराष्ट्र की सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी।
वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपनी बातचीत के बारे में पवार ने एक निजी न्यूज चैनल से कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री से कहा कि उनकी पार्टी के लिए बीजेपी के साथ काम करना संभव नहीं होगा। उन्होंने कहा, ‘हमारे लिए बीजेपी की तुलना में शिवसेना के साथ काम करना कठिन नहीं है। हम वह मार्ग नहीं पकड़ सकते थे। बीजेपी के साथ अजित पवार के हाथ मिलाने के बारे में पूछने पर शरद पवार ने कहा, ‘वह हमारे बीच से चर्चा के बीच में ही लौट गए थे और कांग्रेस व हमारे बीच बातचीत से वह बहुत खुश नहीं थे। वह पूरी तरह नाखुश थे। उस स्थिति में उन्होंने ऐसा फैसला किया।