लखनऊ। कोरोना वायरस के इस दौर में सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम (MSME) को सरकार द्वारा कई स्कीम तथा सब्सिडी की घोषणा की गई, सरकार लगातार दावा कर रही है कि वह सूक्ष्म, लघु तथा मध्यम उद्यम को बढ़ाने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है।
सरकार द्वारा एमएसएमई सेक्टर को दी गई सब्सिडी तथा स्कीम की क्या स्थिति है और इसका कितना लाभ इस सेक्टर को मिल रहा है, इन सब बातों को जानने के लिए भारत खबर सवांददाता वीरेंद्र पाण्डेय ने इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (आईआईए) के वरिष्ठ उपाध्यक्ष नीरज सिंघल से बात की।
तो आइए जानते हैं कि आईआईए के वरिष्ठ उपाध्यक्ष नीरज सिंघल ने क्या कहा…
आईआईए के वरिष्ठ उपाध्यक्ष नीरज सिंघल ने कहा की सरकार कोरो आश्वासन दे रही है, मौजूदा समय में अभी तक एमएसएमई सेक्टर को कुछ नहीं मिला है, कुल मिलाकर धरातल पर कोई काम नहीं हो रहा है।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने इंडस्ट्रियल एरिया में स्थित प्लॉटों को फ्री होल्ड करने का आश्वासन दिया था, लेकिन अभी तक उसका शासनादेश जारी नहीं हुआ।
उद्योगों को अवेयरनेस की जरूरत
आईआईए के वरिष्ठ उपाध्यक्ष नीरज सिंघल के मुताबिक जितने भी उद्योग हैं उन्हें अवेयरनेस जरूरत है, आज की तारीख में जितनी भी पॉलिसी बन रही है, उनका धरातल पर कितना क्रियान्वयन हो रहा है, यह देखना सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है।
इसके लिए सरकार को व्यवस्था बनानी चाहिए, उन्होंने कहा कि सरकार का अपना मैकेनिज्म होना चाहिए, जो थर्मामीटर की तरह नापता रहे कि जो पॉलिसी व सब्सिडी उद्योगों के लिए दी जा रही है, वह ग्राउंड लेवल पर पहुंच भी रही है या फिर स्कीम व सब्सिडी के नाम पर बंदरबांट हो रहा है।
उन्होंने कहा कि यह सरकार की जिम्मेदारी है कि उनके द्वारा दी गई स्कीम तथा सब्सिडी धरातल तक पहुंचे। उन्होंने कहा कि बेनेफिशरी ( लाभार्थी ) को बेनिफिट मिल रहा है या नहीं। जब तक यह सरकार नहीं देखेगी तब तक कुछ भी भला नहीं होगा।
उन्होंने कहा कि पॉलिसी बनाई जाती है, लेकिन उसका आर्डर हुआ या नहीं हुआ, यह कौन देखेगा। उन्होंने कहा कि यह देखने की जिम्मेदारी सरकार की है।