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गैर मर्दों से चूड़ियां पहनना नाजायज, देवबंद में जारी हुआ फतवा

Deoband Fatwa Muslim Women Bangles गैर मर्दों से चूड़ियां पहनना नाजायज, देवबंद में जारी हुआ फतवा

देवबंद। उत्तर प्रदेश के ज़िला सहारनपुर का एक क़स्बा देवबंद जो कि सहारनपुर और मुज़फ़्फ़रनगर के बीच स्थित है। वहां पर दारुल उलूम द्वारा एक फतवा जारी किया गया है, जिसमें महिलाओं द्वारा बाजारों में जाकर नामहरम (जिन से खून का रिश्ता न हो) मर्दों से चूड़ियां पहनने को नाजायज और सख्त गुनाह माना गया है।

Deoband Fatwa Muslim Women Bangles गैर मर्दों से चूड़ियां पहनना नाजायज, देवबंद में जारी हुआ फतवा

चूड़ियां जो की सुहागन महिलाओं की पहचान मानी जाती हैं उन चूड़ियों को गैर मर्दों द्वारा पहनाए जाना देवबंद में नाजायज माना जा रहा है। दारुल उलूम देवबंद से जारी हुए ताजे फतवे में इस्लाम में गैर मर्दों से चूड़ी पहनना हराम माना गया है और इसे सख्त गुनाह करार दिया गया है।

 

देवबंद के एक नागरिक ने उठाया था सवाल

जानकारी के मुताबिक, देवबंद के मोहल्ला बड़जियाउलहक निवासी मुफ्ती अहमद गोड ने ही दारुल उलूम के इफ्ता विभाग से लिखित सवाल में पूछा था कि हमारे यहां आमतौर पर चूड़ियां बेंचने व पहनाने का काम मनिहार बिरादरी से संबंध रखने वाले लोग करते हैं। जब औरतें चूडियां खरीदनें जाती है तो गैर मर्द इन्हें अपने हाथों से चूडियां पहनाते है। क्या इस तरह घर से निकलकर या घर में रहकर औरतों का गैर मर्दों से चूड़ी पहनना जायज है।

मुफ्तियों की खंडपीठ ने दिया नागरिक का जवाब

दारुल उलूम देवबंद के मुफ्तियों की खंडपीठ ने जवाब संख्या 473/द में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए कहा कि नामहरम (जिन से खून का रिश्ता न हो) मर्द का अजनबी औरतों को चूड़ी पहनाना नाजायज और गुनाह है। औरतों का नामहरम मर्दों से चूड़ी पहनने के लिए बाहर निकलना भी मना है। ऐसे गुनाह से बचना और तौबा करना ही वाजिब है।

बदलनी होगी मुस्लिम औरतें को अपनी आदत

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तंजीम अब्नाए दारुल उलूम के अध्यक्ष मुफ्ती यादे इलाही कासमी ने दारुल उलूम द्वारा जारी फतवे को पूरी तरह सही बताते हुए कहा, “इस्लाम ने औरतों को गैर मर्दों से पर्दा करने का हुक्म दिया है। इसलिए मुसलमान औरतों को चाहिए कि या तो वह चूड़ियां किसी औरत के हाथ से ही पहनें या फिर अपने हाथों से चूड़ियां पहनने की आदत डालें।”

मुस्लिम महिलाओं को रखना चाहिए शरीयत का ध्यान

दारुल उलूम देवबंद के फतवे पर मुफ्ती तारिक कासमी मदरसा जामिया हुसैनीया ने सहमती जताते हुए कहा, “कुरान और हदीस की रोशनी में दारुल उलूम ने फतवा दिया है कि इस्लाम के अंदर किसी अजनबी औरत को अजनबी मर्द के सामने बेपर्दा होना या एक दूसरे को छूना गलत है। चूड़ियों के मामले में औरतें अजनबी मर्दों की दुकानों पर चूड़ियां खरीदने जाती हैं। उनको हाथों में चूड़ियां पहनने के लिए अपने हाथ को गैर मर्द के हाथों में देना पड़ता है। जिस वजह से उनके हाथों पर गैर मर्द के हाथ लगते हैं। यह गलत है, इससे मुस्लिम महिलाओं को बचना चाहिए। इस्लाम के अंदर यह सब नाजायज है। इस्लाम में चूड़ियां पहनने के और भी तरीके हैं मुस्लिम महिलाएं उन तरीकों को अपनाए। इस्लाम चूड़ियां पहनने से मना नहीं करता। औरतें बाजार से चूड़ियां खरीद कर, खुद पहनें या किसी अन्य महिला से पहनें। मुस्लिम महिलाओं को शरीयत का ध्यान रखना चाहिए।”

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