जयपुर। देश में आए दिन कहीं न कहीं आरक्षण का मुद्दा उठता ही रहता है। कभी जाट समुदाय, कभी गुर्जर समुदाय, कभी स्वर्ण समाज तो कभी दलितों द्वारा आरक्षण का सवाल उठाया जाता है। केंद्र व राज्य सरकारों द्वारा सभी को आरक्षण दिया गया है। फिर भी आए दिन आंदोलन होते हैं। ऐसा ही कुछ राजस्थान में देखने को मिला। जहां गुर्जर समाज ने आरक्षण को लेकर अपना आंदोलन आज सोमवार को दूसरे दिन भी जारी रखा। वहीं युवा आंदोलनकारियों ने रेल की पटरी को भी नुकसान पहुंचाया है।
गुर्जरों का आंदोलन दूसरे दिन भी जारी-
बता दें कि राजस्थान विधानसभा में भी गुर्जर आरक्षण आंदोलन का मुद्दा उठाया गया। सदन की कार्रवाई जैसे ही शुरू हुई विधानसभा में प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने राज्य सरकार से इस पर जबाब देने की मांग की है। सरकार और गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के प्रतिनिधियों के बीच किसी प्रकार की सकारात्मक बातचीत नहीं होने के कारण गुर्जरों का आंदोलन सोमवार को दूसरे दिन भी जारी रहा। राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि मंत्रिमंडल की उपसमिति ने गुर्जर नेताओं के साथ बातचीत की है फिर भी गुर्जर आंदोलनकारियों ने रेलवे पटरियों पर जाम लगा रखा है। राठौड़ ने कहा कि आंदोलन के चलते कई जिलों में इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया गया है और रेल ओर सड़क यातायात को भी बंद किया गया है। राज्य सरकार को इस मुद्दे पर सदन को सूचित करना चाहिए। विधानसभा अध्यक्ष सी पी जोशी ने सरकार से केन्द्र द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों को ‘निष्प्रभावी’ करने के लिए पेश तीन संशोधन विधेयक के पारित होने के बाद जवाब देने को कहा है।
कानून को हाथ में लेना ठीक नहीं- रघु शर्मा
राजस्थान विधानसभा के बाहर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि आरक्षण देने का काम भी हमारे लोकप्रिय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किया है। उन्होंने कहा, “सबसे बड़ा मुद्दा तो आरक्षण का ही था वो तो समाधान हो गया अब कोई छोटी मोटी समस्या है अगर तो बैठ कर उसका भी समाधान निकाला जा सकता है। पटरी उखाड़ने से देश की सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने से काम नहीं चलेगा।”कानून को हाथ में लेना मैं समझता हूं ठीक नहीं है। इससे पूर्व विधानसभा के बाहर संसदीय कार्यमंत्री बी डी कल्ला ने कहा, “सरकार ने जो मांगें संविधान सम्मत हैं वे मान ली हैं। उनको वार्ता करके आंदोलन को शांतिपूर्ण तरीके समाप्त करना चाहिए।