भुवनेश्वर। इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन अब से कुछ ही देर में एक और कामयाबी रचकर इतिहास रचने वाला है। इसरो पीएसएलवी श्रृंखला की 100वीं सैटलाइट को अंतरिक्ष में छोड़ने वाला है, जिसको कार्टेसैट-2 नाम दिया गया है, इसी के साथ इसे आई इन द स्काइ के नाम से भी जाना जा रहा है क्योंकि ये अंतिरक्ष से तस्वीरे लेने के लिए ही बनाया गया है। इस सैटलाइट की खास बात ये है कि ये पाकिस्तान में स्थित आतंकी ठिकानों पर भी पैनी नजर बनाए रखेगा, जिसके चलते पाकिस्तान में इसे लेकर डर का माहौल अख्तियार हो गया है। इसकी लॉन्चिंग भारत के लिए इसलिए भी खास है क्योंकि इससे पहले पीएसएलवी-39 मिशल फेल हो गया था और भारतीयों वैज्ञानिक एक बार फिर इसकी मरमत करने के बाद इसे नए नाम से लॉन्च कर रहे हैं।
इसरो का 100वां सैटेलाइट कार्टोसैट-2 शृंखला का मौसम उपग्रह और 30 अन्य उपग्रह शुक्रवार सुबह नौ बजकर 28 मिनट पर श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लांच होंगा। बृहस्पतिवार सुबह पांच बजकर 29 मिनट पर इसका 28 घंटे का काउनडाउन शुरू हो गया। इसरो ने बताया कि 44.4 मीटर लंबे राकेट पीएसएसवी-40 से लांच होने वाले इन उपग्रहों में कार्टोसैट-2, भारत का एक नैनो सैटेलाइट, एक माइक्रो सैटेलाइट और 28 विदेशी उपग्रह शामिल हैं। विदेशी उपग्रहों में कनाडा, फिनलैंड, कोरिया, फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका के 25 नैनो और तीन माइक्रो सैटेलाइट शामिल हैं। इन सभी 31 सैटेलाइट का वजन 1323 किलोग्राम है। सभी सैटेलाइट को लांच करने की व्यवस्था इसरो और उसकी व्यवसायिक शाखा अंतरिक्ष कारपोरेशन लिमिटेड ने संभाली है।
इसरो के अधिकारियों के मुताबिक 30 सैटेलाइट को 505 किलोमीटर की सूर्य की समकालीन कक्ष (एसएसओ) में प्रक्षेपित किया जाएगा। एक माइक्रो सैटेलाइट 359 किलोमीटर की एसएसओ में स्थापित किया जाएगा। इस पूरे लांच में दो घंटे 21 सेकेंड का वक्त लगेगा। उच्च कोटि की तस्वीरें भेजेगा कार्टोसैट-2 कार्टोसैट का मुख्य मकसद उच्च गुणवत्ता की तस्वीरें भेजना है। इसका इस्तेमाल नक्शे बनाने में किया जाएगा। इसमें मल्टी स्पेक्ट्रल कैमरे लगे हुए हैं। इससे तटवर्ती इलाकों, शहरी-ग्रामीण क्षेत्र, सड़कों और जल वितरण आदि की निगरानी की जा सकेगी।