लखनऊ: इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया ने शबे बरात पर्व को देखते हुए नई एडवाइजरी जारी की है। जिसमें मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए कई एहतियात बरतने की बात कही गई। कोविड-19 के बढ़ते खतरे को देखते हुए सभी को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
होलिका दहन और शबे बरात एक ही दिन
हिंदू और मुस्लिम एकता कई मौकों पर देखने को मिलती है। इस वर्ष भी होली और शबे बरात का पर्व एक ही दिन पड़ रहा है। भीड़भाड़ वाले इलाकों में विशेष एहतियात बरतने की सलाह दी गई है। इस एडवाइजरी में मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन करने का निर्देश दिया गया है।
शबे बरात पर्व के मौके पर कब्रिस्तान में मास्क को अनिवार्य किया गया है। आतिशबाजी और अन्य फिजूल के काम ना करने की भी सलाह दी गई है। इससे स्थिति कंट्रोल में रहेगी और त्यौहार शांतिपूर्वक संपन्न हो जाएगा।
29 मार्च को होगा रोज़ा
सभी मुस्लिम बंधु 29 मार्च को रोज़ा रखकर इबादत करेंगे। इस इबादत में महामारी के खात्मे की भी दुआ मांगी जाएगी। मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने एडवाइजरी में कई और सलाह दी। उन्होंने कहा कि शाबान के इस महीने में ज्यादा से ज्यादा दान किया जाना चाहिए। जरूरतमंदों और बीमारों की मदद करके अल्लाह को खुश किया जा सकता है।
सभी 10 वर्ष से कम उम्र और 60 वर्ष से ऊपर के लोगों को कब्रिस्तान में ना जाने की सलाह दी गई है। कोविड-19 के खतरे को देखते हुए यह सभी नियम लागू करने की बात हुई है। 28 मार्च को गंगा जमुनी तहजीब की विशेष मिसाल देखने को मिलेगी, जब हिंदू और मुस्लिम समुदाय मिलकर दो बड़े पर्व मनाएंगे।