नई दिल्ली। ISIS संगठन एक ऐसा दलदल है जिसमें अगर कोई एक बार फंस गया तो शायद ही कभी बाहर आ आए। आतंकियों का ये संगठन एक बार जिसको अपने में शामिल कर लेता है उसे फिर कभी उससे बाहर नहीं जाने देता। इस दलदल में कुछ लोग ऐसे हैं जिन्हें इस्लाम के नाम पर इसमें धकेला जाता है और कुछ ऐसे हैं जो अपनी मर्जी से इस संगठन में शामिल हो जाते हैं। लेकिन अब ISIS के सफाये के बाद एस संगठन में शामिल लोगों को अपनी गलती का एहसास हो रहा है। जो इस कुख्यात आतंकी संगठन के बहकावे में आकर आतंक का रास्ता अपना बैठे थे। इन्हीं में से एक जर्मनी की किशोरी लिंडा डब्ल्यू भी है जो अब इराक की जेल में है और किसी तरह अपने घर वापस लौटना चाहती है।
बता दें कि लिंडा को अब अपना परिवार याद आ रहा है। वो युद्ध, बंदूकों की आवाज, युद्ध विमानों की गर्जना इन सबसे दूर जाना चाहती है और उस दिन को कोस रही है जब वो इस आतंकी संगठन के साथ जुड़ने के लिए अपने घर से निकली थी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक हाल के सालों में चार जर्मन महिलाओं ने इस्लामिक स्टेट जॉइन किया था। इनमें 16 वर्षीय लड़की लिंडा भी शामिल है जिसे इराकी जेल में रखा गया है और उसकी मदद के लिए काउंसलर भी दिया गया है।
वहीं मीडिया के मुताबिक किशोरी ने उनसे कहा था कि उन्हें आईएस में शामिल होने के लिए खेद है, जर्मनी में प्रत्यर्पित होना चाहती हैं और अधिकारियों के साथ सहयोग करना चाहती है। उन्होंने बताया कि किशोरी को उसके बाएं जांघ पर गोली मार दी गई थी और उसके दाहिने घुटने पर और चोट लगी थी। इन चोटों का कारण उसने बताया कि ये हेलीकॉप्टर हमले के दौरान हुई थी