लखनऊ: तेज और बेहतर इंटरनेट उपलब्ध करवाने के लिए 5G टेक्नोलॉजी भारत में शुरू होने जा रही है। जिसकी टेस्टिंग भी कई जगहों पर की जाएगी। इसी को लेकर एक खबर फैल रही है, जिसमें 5G टेक्नोलॉजी का स्वास्थ्य पर खतरनाक असर बताया जा रहा है।
क्या कहते हैं प्रमाण
सेल्यूलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अनुसार 5G टेक्नोलॉजी पूरी तरह से सुरक्षित है। इसको लेकर जो खबरें फैल रही है वह पूरी तरह से गलत है। अभी तक की जानकारी और आंकड़ों के अनुसार यह आने वाली पीढ़ी के लिए पूरी तरह से सुरक्षित है। इसका स्वास्थ्य पर किसी भी तरीके का बुरा असर देखने को नहीं मिलता। बता दें कि 5G टेक्नोलॉजी पर भारत में रिलायंस जिओ, भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया, जैसी कंपनियां टेस्टिंग शुरू करने वाली हैं।
वैश्विक मानक भारत में भी मान्य
5G टेस्टिंग के दौरान इलेक्ट्रोमैग्नेटिक विकिरण का इस्तेमाल वैश्विक मानक के स्तर पर किया जाएगा। इसको लेकर पहले ही सभी कंपनियों को निर्देश दिया जा चुका है। इस मामले में किसी भी तरह की लापरवाही बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जानकारी के अनुसार भारत में सिर्फ 10% इलेक्ट्रोमैग्नेटिक विक्रण का इस्तेमाल करने की अनुमति है। इसी इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वितरण को लेकर खबरें फैल रही थी, जिसमें इसका स्वास्थ्य पर बुरा असर बताया जा रहा था। विभाग 5G से जुड़ी अफवाहों को लेकर भी सचेत है, इस मामले में सभी भ्रामक खबरों पर उचित कार्यवाही भी की जा रही है।