इंफाल। सशस्त्र बल विशेष अधिकार कानून (अफ्स्पा) के खिलाफ 16 साल लंबे अनशन को समाप्त करने के बाद मणिपुर में अधिकांश जगह से ठुकराई गई इरोम शर्मिला को ‘भारतीय रेड क्रॉस सोसायटी’ आश्रय देगी। जब तक शर्मिला को इंफाल में रहने की जगह नहीं मिल जाती, तब तक रेड क्रॉस सोसायटी की मणिपुर शाखा ने उन्हें अस्थायी आश्रय देने का फैसला किया है। अनशन तोड़ने के उनके फैसले के खिलाफ दोस्तों और कई समर्थकों के खुलकर सामने आने के बाद शर्मिला ने कहा, “जब तक मेरा मिशन पूरा नहीं हो जाता, तब तक मैं अपने घर नहीं जाऊंगी और अपनी मां और अन्य लोगों से नहीं मिलूंगी।”
एक लंबे अरसे तक एक आदर्श के रूप में देखी गईं और ‘आयरन लेडी’ का खिताब हासिल करने वाली इरोम के साथ लोगों के इस व्यवहार ने कई लोगों को स्तब्ध कर दिया है। पुलिस उन्हें वापस इंफाल के जे.एन. इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में ले आई है, जहां उन्हें अपने 16 साल के अनशन के दौरान रखा गया था। एक अधिकारी ने बताया कि हालांकि अब वह न्यायिक हिरासत में नहीं हैं लेकिन सरकार ‘उनकी देखभाल कर रही है।’
अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक एल. रनबीर शर्मिला से मिलने आने वाले पत्रकारों और समर्थकों में से केवल उन्हें ही मिलने की इजाजत दे रहे हैं, जो उनके खिलाफ नहीं हैं। कई लोग जिस प्रकार उनसे व्यवहार कर रहे हैं, उसे लेकर वह निराश हैं। अस्पताल के एक सूत्र ने बताया कि वह मिलने जुलने वालों से बात करने के दौरान कई बार टूट जाती हैं। ‘आयरन लेडी’ का कहना है कि लोग शायद उन्हें समझ नहीं पाए। शायद वे उन्हें ‘शहीद’ के रूप में देखना चाहते हैं।