नई दिल्ली: रेलवे टेंडर घोटाले मामले में बिहार के पूर्व उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी यादव की नियमित जमानत मिल गई है। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव और अन्य लोग जो भी सुनवाई के दौरान उपस्थित थे उन सबको नियमित जमानत की मंजूरी दे दी। वहीं इस मामलों में राजद प्रमुख लालू प्रसाद को 19 नवंबर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये पेश करने का निर्देश दिया।
जमानत दिए जाने पर सीबीआई ने विरोध किया
सीबीआई ने अदालत में राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव सहित अन्य को जमानत दिए जाने का विरोध किया। उसका कहना था कि नियमित तौर पर जमानत मिलने से जांच प्रभावित हो सकती है। लेकिन सीबीआई के विरोध के बावजूद अदालत ने उन्हें और सुनवाई के लिए मौजूद अन्य आरोपियों को जमानत दे दी है। इससे पहले कोर्ट ने उन्हें अंतरिम जमानत दी थी।
यह है आरोप
अदालत ने इससे पहले प्रसाद को छोड़कर सीबीआई द्वारा दायर मामले में आरोपियों को 31 अगस्त से आज तक की अंतरिम जमानत दी थी। एजेंसी ने तब जवाब दायर करने के लिये आज तक का वक्त मांगा था। यह मामला आईआरसीटीसी के दो होटलों को चलाने का ठेका एक निजी फर्म को देने में कथित अनियमितता से संबंधित है।
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष प्रसाद शुक्रवार को अदालत के समक्ष पेश नहीं हुए क्योंकि वह एक अन्य आरोप में झारखंड की जेल में बंद हैं। सीबीआई ने 16 अप्रैल को मामले में आरोप-पत्र दायर कर कहा था कि मामले में प्रसाद, राबड़ी, तेजस्वी और अन्य के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य हैं।
लालू यादव के कोर्ट में पेश ना होने पर राजद विधायक और लालू यादव के सहयोगी भोला यादव ने कहा ‘वह रिम्स में भर्ती हैं। डॉक्टरों ने उन्हें यात्रा करने के लिए शारीरिक तौर पर अनुपयुक्त घोषित किया है। जेल प्राधिकारियों ने अदालत को सूचित कर दिया है कि वह सुनवाई के लिए पेश नहीं हो पाएंगे।’ पटियाला हाउस कोर्ट ने उन्हें समन देकर पेशी के लिए हाजिर होने का आदेश दिया था।