नई दिल्ली। अपनी शैक्षिक योग्यता के बारे में गलत सूचनाएं देने का आरोप झेल रहीं केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को आज राहत मिल गई है। बता दें कि स्मृति ईरानी पर अपने तीन हलफनामों में अपनी शैक्षिक योग्यता के बारे में गलत सूचनाएं देने का आरोप है। भारतीय निर्वाचन आयोग (ईसीआई) के एक अधिकारी ने स्मृति ईरानी द्वारा वर्ष 2004 के चुनाव के समय दर्ज किए गए हलफनामों की पुष्टि से जुड़ा एक प्रमाणपत्र पेश किया, जिसके बाद महानगरीय दंडाधिकारी हरविंदर सिंह ने आदेश सुरक्षित रख लिया।
आपको बता दंे कि पटियाला हाईकोर्ट ने स्मृति के खिलाफ दायर याचिका को आज खारिज कर दिया गया है। ज्ञात हो कि मजिस्ट्रेट हरविंदर सिंह ने शिकायतकर्ता और स्वतंत्र लेखक अहमर खान की ओर से दी गई दलीलें सुनने और दिल्ली विश्वविद्यालय और चुनाव आयोग द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट के आधार पर आदेश को सुरक्षित रखा है।
क्या है शिकायत– शिकायतकर्ता और स्वतंत्र अहमर लेखक खान ने अपने दायर याचिका में कहा कि वर्ष 2011 में 11 जुलाई को गुजरात से राज्यसभा के चुनाव में दाखिल हलफनामे में उन्होंने कहा है कि उनकी उच्चतम शिक्षा दिल्ली विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ कॉरेस्पांडेंस से बी. कॉम पार्ट-1 था। खान के वकील के.के. मेनन और अंजलि राजपूत ने आरोप लगाया कि भाजपा नेता स्मृति ईरानी ने दिल्ली के 2004 के लोकसभा चुनाव में चांदनी चौक क्षेत्र से भरे गए नामांकन में खुद को दिल्ली विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ कॉरेस्पांडेंस से 1996 बैच की स्नातक बताया था।लेकिन वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में जब ईरानी ने उत्तर प्रदेश की अमेठी से लोकसभा चुनाव के लिए भरे गए शपथपत्र में उन्होंने कहा है कि 1994 में दिल्ली विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ ओपन लर्निग से बी.कॉम पार्ट-1 किया है।