कानपुर: कानपुर का बिकरू कांड अभी तक लोगों को जहन में है, इस दिल दहलाने वाली घटना ने खूब चर्चा भी बटोरी। अब मामले में जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद फिर वह दृश्य लोगों को याद आ गया। दरअसल इस घटना में फर्जीवाड़े के आरोप वाली बात पर जांच टीम का गठन किया गया था।
इसी की पड़ताल करने के लिए जांच टीम का गठन किया गया था। इस टीम ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी। जिसमें पुलिस को क्लीनचिट दे दी गई है। यह जांच न्यायिक आयोग की टीम द्वारा करवाई गई थी। इसमें कहा गया है कि मुठभेड़ होने के साक्ष्य सही पाए गए हैं, किसी भी तरह के भर्जीवाड़े की बात सामने नहीं आई है।
गुरुवार को यूपी विधानसभा में पेश की गई 132 पन्नों की रिपोर्ट में मुठभेड़ को सही पाया गया है। हालांकि जांच में यह बात सामने आई है कि पुलिस और अन्य अधिकारियों के लोगों का विकास दुबे को संरक्षण प्राप्त था। इसी का फायदा उठाकर वह अराजकता को अंजाम देने का काम किया करता था। जांच रिपोर्ट में कुछ सुधार का भी जिक्र किया गया है, इसमें पुलिस और न्यायिक प्रक्रिया से जुड़े सुधार शामिल हैं। साथ ही प्रदेश के कुछ बड़े शहरों में पुलिस कमिश्नरेट की सुविधा को भी लागू करने की बात कही गई है।