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डॉक्टरों ने आपत्ति की तो टालना पड़ा साक्षात्कार

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केजीएमयू में शिक्षक से लेकर कर्मचारियों तक की भर्ती हमेशा सवालों के घेरे में रही है। रेजिडेंट डॉक्टरों की भर्ती में भी नियमों की धज्जियां उड़ी। भर्ती में खेल उजागर होने के बाद कुछ भर्तियों का साक्षात्कार पर रोक तक लगानी पड़ी।

भर्ती मे गड़बड़ियों से केजीएमयू का पुराना नाता

केजीएमयू में बड़ी संख्या में माता-पिता, भाई-भतीजा समेत अन्य रिश्तेदार नातेदारों को रेवड़ी की तरह नौकरियां बांटी गईं। केजीएमयू में 43 विभागों के 230 पदों पर शिक्षक भर्ती प्रक्रिया चल रही है। इसमें प्लास्टिक सर्जरी विभाग में एक डॉक्टर की भर्ती को लेकर शिकायत हुई है। राज्यपाल और मुख्यमंत्री से शिकायत हुई। शासन ने केजीएमयू से रिपोर्ट तलब की है। इससे पहले मानसिक स्वास्थ्य विभाग में एक शिक्षक की भर्ती में गड़बड़ी के आरोप लगे। 94 कर्मचारियों की भर्ती में गड़बड़ी के इल्जाम लगे। मंडलायुक्त तक ने जांच में गड़बड़ी पकड़ी। उसके बाद भी मामला रफा-दफा कर दिया गया। चहेतों को रेजिडेंट बनाने के लिए दंत संकाय में तो भर्ती का पर्चा तक आउट करा दिया गया था।

बवाल बढ़ने पर साक्षात्कार प्रक्रिया पर लगी रोक

गड़बड़ियों के आरोपों के बाद भी केजीएमयू में भर्ती की प्रक्रिया में कोई सुधार नहीं आ रहा है। ताजा मामला मेडिकल व दंत संकाय में रेजिडेंट भर्ती में लिखित परीक्षा को दरकिनार कर दिया गया। सिर्फ इंटरव्यू से भर्ती का विज्ञापन निकाल दिया गया। आरक्षण रोस्टर की भी धज्जियां उड़ा दी गईं। ऐसे में बवाल बढ़ने पर साक्षात्कार प्रक्रिया पर रोक लगा दी गई है। दंत संकाय के पांच विभागों में 24 फरवरी को रेजिडेंट डॉक्टरों की भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला गया। इसमें आरक्षण के नियमों की अनदेखी की गई। इसी तरह मेडिकल संकाय के विभिन्न विभागों दो मार्च को रेजिडेंट की भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला गया। इसमें भी आरक्षण के नियमों को दरकिनार किया गया। आरक्षण को लेकर शिक्षकों के एक वर्ग ने आपत्ति की। उसके बाद दंत संकाय का तीन मार्च को प्रस्तावित साक्षात्कार रोक दिया गया। मेडिकल संकाय में भी प्रस्तावित चार मार्च के साक्षात्कार टाल दिया गया। आरक्षण श्रेणी के डॉक्टरों का कहना है कि जब केजीएमयू में रोस्टर कमेटी बनी है तो सभी पदों की जानकारी कमेटी को देना चाहिए। वही पदों की संख्या के हिसाब से कमेटी आरक्षण तय करेगी। साथ ही रेजिडेंट की भर्ती परीक्षा के आधार पर तय है तो फिर सिर्फ साक्षात्कार क्यों लिया जा रहा है?

जिम्मेदार बोले

प्लास्टिक सर्जरी विभाग में शिक्षक की भर्ती में कोई गड़बड़ी नहीं हुई है। आरोप बेबुनियाद हैं। किसी ने बदनाम करने के लिए शिकायत की है। योग्य अभ्यर्थी का ही चयन किया गया है।
डॉ. बिपिन पुरी, कुलपति, केजीएमयू

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