नई दिल्ली। भारत और हिंदुओं के खिलाफ विवादित बयान देने वाले इस्लामिक प्रचारक डॉक्टर जाकिर नाईक के खिलाफ इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने से इनकार कर दिया है। इंटरपोल के इस फैसले पर इस्लामिक प्रचारक जाकिर नाईक ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि इस फैसले के बाद मुझे काफी खुशी महसूस हो रही है और मैं उम्मीद करता हूं कि मेरे देश की एजेंसी मेरे ऊपर लगे गलत आरोपो को भी जल्द हटा देगी। इटंरपोल के रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने के चलते भारतीय इंटेलिजेंस एजंसियों को बड़ा झटका लगा है।
वहीं सीबीआई ने इस मामले में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया था। सीबीआई ने कहा है कि इस मामले में भारतीय जांच एजेंसी ही कुछ कह सकती है। इंटरपोल ने जाकिर के वकील को खत के जरिए सूचना दी है कि सबूत के अभाव में जाकिर के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने के आग्रह को रद्द कर दिया गया है। इस मामले को लेकर एनआईए के प्रवक्ता आलोक मित्तल का कहना है कि इंटरपोल ने जाकिर के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस इसलिए जारी नहीं किया क्योंकि जब भारत की तरफ से अपील की गई थी तब जाकिर पर चार्जशीट फाइल नहीं हुई थी।
उन्होंने बताया कि अब एनआईए नए सिरे से नोटिस जारी करने की अपील करेगा क्योंकि एजेंसी की मुंबई कोर्ट में जाकिर के खिलाफ चार्जशीट दायर है। गौरतलब है कि जाकिर के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियों के अधिनियम और भारतीय दंड संहिंता की धारा 20 बी, 153 ए, 295 ए, 298 और 505 (2) के तहत केस दर्ज किए गए हैं। आपको बता दें कि जाकिर मलेशिया में शरण लिए हुए है। बांग्लादेश में आतंकी हमले को अंजाम देने वाले आतंकियों ने जब जाकिर से प्रभावित होने की बात कबूली, तो वो 1 जुलाई, 2016 को भारत से भाग गया। इसके बाद नवंबर, 2016 में जाकिर के खिलाफ केस दर्ज किया गया और दिसंबर, 2016 में जाकिर के एनजीओ को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बैन कर दिया था।