सहारनपुर। सहारनपुर में भड़की हुई जातीय हिंसा शांत होने का नाम ही नहीं ले रही है और इसी पर राजनीति पार्टियों को एक बार फिर अपनी रोटियां सेकने का मौका मिल चुका है। बता दें कि मायावती के सहारनपुर दौरे के बाद ये हिंसा और ज्यादा भड़क गई है। जो दलित मायावती की जनसभा से लौट रहे थे उन पर हमला किया गया। जिसमें एक शख्स की मौके पर ही मौत हो गई और 15 लोग घायल हो गए। इसके बाद योगी सरकार ने स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों पर एक्शन लेते हुए डीएसपी और एसएसपी को सस्पेंड कर दिया। जबकि डीआईजी और डीसी का तबादला कर दिया गया।
इसलिए लिया गया अधिकारियों पर एक्शन
सहारनपुर के डीएम और एसएसपी को जिस वजह से संस्पेंड किया गया है वो वजह थोड़ी हैरान कर देने वाली है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बताया जा रहा कि इसकी वजह शब्बीरपुर में मायावती की रैली को परमिशन देना है जिसकी वजह से अधिकारियों पर गाज गिरी है। कहा जा रहा है कि वहां के हालात खराब होने के बावाजूद मायावती को वहां लोगों से मिलने की परमिशन दी गई जिसकी वजह से हालात और खराब हो गए जबकि ऐसा नहीं होना था। जबकि इंटेलिजेंस इनपुट में किसी भी राजनैतिक रैली का आयोजन न करने की चेतावनी दी गई थी।
परमिशन दी पर व्यवस्था नहीं की
एक तो पुलिस ने ऐसे हातातों में मायावती को वहां रैला करने और लोगों से बात करने कि परमिशन दी। लेकिन वहां के काबू पाने में वहां कि पुलिस नाकाम रही। वहां के हातातों को देख कर कहा जा रहा है कि वहां पुलिस को जितना बंदोबस करना चाहिए था उतना उन्होंने नहीं किया। जिसकी वजह से हालात बेकाबू हो गए और यही वजह थी कि वहां दलितों पर हमला हुआ।
दलित की मौत
बता दें कि यूपी सरकार ने गृहमंत्रालय को जो रिपोर्ट भेजी है उसमें बताया है गया है कि 23 मई को मायावती की रैली से लौट रहे लोगों पर ठाकुर समुदाय के लोगों ने हमला किया था। इसमें 1 एक दलित युवक की मौत हो गई, जबकि 15 लोग घायल हो गए हैं।
इंटरनेट सेवा बंद
सहारनपुर में बिगड़ते हालात के बीच सहारनपुर में इंटरनेट सेवाओं पर बैन लगा दिया गया है। साथ ही पूरे शहर में धारा 144 लागू कर दी गई है। वहीं बुधवार को जिस शख्स को गोली लगी थी उसकी हालत नाजुक बताई जा रही है।
ये है पूरा मामला
सहारनपुर के शब्बीरपुर गांव में महाराणा प्रताप शोभायात्रा के दौरान हुए एक विवाद हुआ था जिसने एक हिंसक रूप ले लिया था जिसके बाद कई जाति के लोग दलितों पर अत्याचार करने का मामला सामने आया। जिसमें दलितों के घर जलाने की बात सामने आई। इस मामले में भीम आर्मी के नेता चंद्रशेखर के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। इसके बाद बीते रविवार को भीम आर्मी कार्यकर्ताओं ने बड़ी संख्या में दिल्ली के जंतर मंतर पहुंचकर प्रदर्शन किया था। जिसके बाद से ये हिंसा ऐसे ही भड़की हुई है जो अभी तक थमी नहीं है।