देश में जब से कोरोना वायरस फैला है तब से लोगों की जिंदगी पूरी तरह बदल गई है।
यह भी पढ़े
T-20 के टॉप-10 गेंदबाज में भारत का एक भी बॉलर लिस्ट में शामिल नहीं
कोरोना को लेकर रोजाना नई – नई स्टडी सामने आ रही है। ऐसे में अब एक ओर स्टडी सामने आई है जिसने सबको हैरान कर दिया है।
लंदन यूनिवर्सिटी ने की रिसर्च
लंदन की यूनिवर्सिटी के रिसर्च में सामने आया है कि कोविड-19 संक्रमण स्पर्म की क्वालिटी को डैमेज करता है। संक्रमित के ठीक होने के बाद भी महीनों तक उसके स्पर्म पर इसका असर रहता है।
120 कोरोना संक्रमितों पर की रिसर्च
यह जानकारी इंपीरियल कॉलेज ऑफ लंदन ने बेल्जियम के 120 कोरोना संक्रमितों पर रिसर्च करने के बाद दी। सभी संक्रमितों की उम्र 35 साल के आसपास थी। सभी को ठीक हुए 1 से 2 महीने का समय ही बीता था। रिसर्च के मुताबिक कोरोना वायरस पुरुषों की स्पर्म मोटिलिटी और स्पर्म काउंट पर बुरा प्रभाव डालता हैं।
नया वायरस पहले से भी ज्यादा खतरनाक !
रिसर्च में यह भी सामने आया है कि ओमिक्रॉन, डेल्टा जितना ही खतरनाक है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इसमें लगभग 2 लाख कोरोना संक्रमितों पर यह रिसर्च किया गया है। इसमें से करीब 11,329 लोग ओमिक्रॉन वेरिएंट से संक्रमित थे।
रिसर्च के मुताबिक दूसरे कोरोना वेरिएंट से संक्रमित मरीज को दोबारा संक्रमित होने के खिलाफ 6 महीने तक 85 प्रतिशत तक सुरक्षा मिलती थी। लेकिन ओमिक्रॉन से संक्रमित मरीज को मिलने वाली सुरक्षा 19 प्रतिशत तक हो सकती है।