पृथ्वी ना जाने कितनी रहस्यमयी चीजें मौजूद है। जिसको सामान्य रूप से समझ पाना नामुमकिन सा है।
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लेकिन आज कल पृथ्वी पर एक और रहस्यमयी गतिविधी का खुलासा होता नजर आ रहा है। लेकिन ये रहस्य भी अभी तक रहस्य है। तो बात कुछ ऐसी हैं की धरती पर रहस्यमयी तरीके से दिन का समय बढ़ रहा है और ये रहस्य वैज्ञानिकों को भी अचंभे में डाल रहा है की आखिरकार किन कारणों की वजह से ऐसा हो रहा है और इसके पीछे की वजह क्या हैं।
वहीं इस रहस्य की वजह को दुनियाभर के एटॉमिक क्लॉक्स ने गणना करके बताया कि पृथ्वी के दिन का समय रहस्यमयी तरीके से बढ़ रहा है। इससे न सिर्फ समय की कैलकुलेशन पर असर पड़ेगा। बल्कि संचार, जीपीएस, और नेविगेशन संबंधी कई अन्य तरह की समस्या का भी लोगों को सामना करना पड़ सकता हैं।
बता दे की कई करोड़ वर्षों से धरती के घूमने की गति धीमी हो रही है और इसके पीछे चांद से निकलने वाले टाइड्स का घर्षण बताया जा रहा है | हर एक सदी में 2.3 मिलिसेकंड धरती के दिन के समय में जुड़ रहा है | जिसके मुताबिक कुछ करोड़ सालों पहले धरती का दिन सिर्फ 19 घंटे का होता था लेकिन पिछले 20 हजार सालों से इसकी गति बढ़ने लगी है।
वही ध्रुवीय बर्फ के पिघलने से सरफेस प्रेशर कम हो रहा है और धरती का मैंटल धीरे-धीरे ध्रुवों की तरफ खिसक रहा है | वही कुछ ऐसी छोटी घटनाएं होती हैं, जिससे धरती के दिन के समय में बदलाव होता हैं। जैसे- जलवायु परिवर्तन, मौसमों में बदलाव आदि | ये धरती के घूमने की गति को भी हर दिशा से प्रभावित करती हैं |
वही गौर करने की बात ये है की कई वैज्ञानिकों का मानना है कि इस रहस्य के पीछे की वजह धरती पर आने वाले भूकंप और तूफान भी हो सकते हैं। जिसकी वजह से धरती पर रहस्यमयी तरीके से दिन का समय बढ़ रहा है। वर्ष 1960 से अब तक धरती पर मौजूद रेडियो टेलिस्कोप ग्रहों के चारों तरफ मौजूद क्वासार और अन्य अंतरिक्ष वस्तुओं की गणना से धरती के घूमने की गति का पता लगाते आ रहे हैं | इन रेडियो टेलिस्कोप और एटॉमिक घड़ी के आंकड़ों से पता चला है कि पिछले कुछ सालों से धरती के दिन का समय कुछ कम हो रहा था | लेकिन इसमें भी कई बार गलती होने के कारण वैज्ञानिक इसे नहीं समझ पाते है। फिलहाल इस रहस्य को लेकर कई तरह के प्रयोग किए जा रहे है ताकि इस रहस्यमयी गतिविधि का खुलासा हो सके|