नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने साउथ कोरिया के मौजूदा राष्ट्रपति को थैंक्यू कहा है। दरअसल, साउथ कोरिया के राष्ट्रपति मून जे-इन ने किम को एक लेटर लिखा था। इसका किम ने जवाब दिया।
यह भी पढ़े
Truecaller : 11 मई से बंद होगी कॉल रिकॉर्डिंग की सुविधा, जानिए क्या है वजह
मई में यूं सुक योल साउथ कोरिया के नए प्रेसिडेंट
खत में किम ने पड़ोसी देश के राष्ट्रपति के काम को सराहा और अमन बहाली की कोशिशों के लिए उनका शुक्रिया भी अदा किया। मून जल्द रिटायर होने वाले हैं। 10 मई को यूं सुक योल साउथ कोरिया के नए प्रेसिडेंट बनेंगे। खास बात यह है कि योल कट्टर राष्ट्रवादी नेता हैं। नॉर्थ कोरिया के रवैये को देखते हुए योल ने पहले ही दोनों देशों के बीच सैन्य समझौते को रद्द करने की चेतावनी दी है। इसके अलावा साफ कर दिया है कि साउथ कोरिया दोबारा न्यूक्लियर टेस्टिंग शुरू करेगा। इसके मायने ये हुए कि नई सरकार नॉर्थ कोरिया को उसी की भाषा में जवाब देने की तैयारी कर रही है।
खत में दोनों देशों के संबंध बेहतर करने की बात
कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी ने कहा है कि नॉर्थ-साउथ कोरिया के बीच लेटर एक्सचेंज दोनों के बीच भरोसे को दिखाता है। किम को लिखे खत में राष्ट्रपति मून ने कहा है- मैं रिटायरमेंट के बाद भी दोनों देशों के संबंध बेहतर करने के लिए कोशिश करता रहूंगा।
किम ने शांति पहल को किया था नजरअंदाज
किम और मून के बीच 2018 में 3 बार बातचीत हुई। इस दौरान दोनों देशों के बीच सैन्य तनाव को कम करने के लिए एक समझौता हुआ था। साथ ही किम और तब के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच भी बातचीत मुमकिन हुई थी। हालांकि, ये बातचीत सफल नहीं रही थी, जिसके बाद किम ने साउथ कोरिया के साथ हुए समझौते को भी किनारे कर दिया था। किम ने स.कोरिया की तरफ से बातचीत की पहल को भी नजरअंदाज किया था।
2022 में कई हथियारों का परीक्षण कर चुका है किम
UN ने नॉर्थ कोरिया पर बैलिस्टिक मिसाइल और परमाणु हथियारों के परीक्षण पर रोक लगा रखी है। लेकिन किम के शासन में नॉर्थ कोरिया लगातार इन प्रतिबंधों का उल्लंघन करता आया है। नॉर्थ कोरिया ने 2022 में अब तक कई हथियारों का परीक्षण किया है।
बड़े परमाणु हथियार का परीक्षण कर सकते हैं किम
कयास लगाए जा रहे हैं कि दूसरे देशों पर दबाव बनाने के लिए किम जोंग जल्द ही किसी बड़े परमाणु हथियार का परीक्षण कर सकते हैं। इससे पहले भी मार्च में नॉर्थ कोरिया ने एक इंटर-कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) का परीक्षण किया था।