यूक्रेन और रूस के जारी तनाव के बीच अब रूस और अमेरिका में जुबानी जंग तेज हो गई है। एक-दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है। इस बीच अमेरिकी अधिकारियों ने दावा किया है कि रूस ने यूक्रेन पर हमले के लिए नकली वीडियो तैयार किया है।
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इसका मकसद यूक्रेन पर उसके यहां रह रहे रूसी भाषी लोगों का नरसंहार और रूस की सीमा पर ड्रोन हमला करने का झूठा आरोप लगाना है।
नकली वीडियो के जरिए किया जा रहा प्रोपेगेंडा
अमेरिकी अधिकारियों ने कहा- इस वीडियो का इस्तेमाल दो तरह से हो सकता है। पहला यूक्रेन के खिलाफ आक्रोश भड़कने पर इसे वीडियो की प्रतिक्रिया बताया जाएगा। दूसरा यह भी कहा जा सकता है कि यूक्रेनी हमले से बचने के लिए अलगाववादियों ने रूस से मदद की गुहार लगाई है। जिससे उसे सैन्य हस्तक्षेप का बहाना मिल जाएगा।
वीडियो का नहीं कोई सबूत
अमेरिका की तरफ से इस दावे का कोई सबूत पेश नहीं किया गया है। इस पर अधिकारियों का कहना है कि ऐसा करने से उसके सोर्स को खतरा हो सकता है। रूसी सरकार नवंबर से ही सोशल मीडिया और स्टेट मीडिया के जरिए षड़यंत्र फैलाने में लगी हुई है। एक ब्रिटिश अफसर ने भी बताया कि हमें जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक रूस यूक्रेन पर हमले के लिए झूठा बहाना गढ़ रहा है।
रूस पर वीडियो तैयार करने का आरोप
रूस की तरफ से जो वीडियो तैयार किया गया है उसमें ब्लास्ट के बाद रूसी लोगों की क्षत-विक्षत लाशों को दिखाया जाएगा। वीडियो में यह भी बताया जाएगा कि यूक्रेनी सेना ने हमले के लिए तुर्की के बायरकटार TB2 ड्रोन का इस्तेमाल किया। इसके लिए नकली यूक्रेनी मिलिट्री इक्यूपमेंट, तुर्की के ड्रोन और रूसी बोलने वाले एक्टर्स को शामिल किया गया।
अमेरिका युद्ध के लिए उकसा रहा-पुतिन
मंगलवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी यूक्रेन संकट पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने अमेरिका पर आरोप लगाया था कि वो उनके देश को युद्ध के लिए भड़का रहा है। पुतिन ने कहा- वो रूस की तरक्की पर लगाम लगाना चाहता है। इसके लिए आर्थिक प्रतिबंध लगाने का बहाना खोज रहा है और इस लक्ष्य को पाने के लिए यूक्रेन का इस्तेमाल कर रहा है।
प्रतिबंध लगाने का तरीका
पुतिन ने मास्को में हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओर्बन के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा- हम पर प्रतिबंध लगाने के लिए अलग-अलग तरीकों का इस्तेमाल किया जा सकता है।
पुतिन का कहना है कि एसी कोशिश की जा रही है कि पहले हमें किसी संघर्ष में उलझा दिया जाए और फिर यूरोप में अपने सहयोगियों को मजबूर करे कि हम पर कड़े प्रतिबंध लगाए जाएं।