अफगानिस्तान पर तालिबान के काबिज होने के बाद से वहां के हालात हर दिन बिगड़ रहे हैं। लोग अपनी जान बचाकर अफगानिस्तान से इधर-ऊधर भाग रहे हैं। वहीं अफगानिस्तान से भागकर तालिबान पहुंचे लोगों का दर्द झकझौर कर रख देने वाला है।
तालिबान के क्रूरता की कहानी लोगों की जुबानी
अफगानिस्तान पर तालिबान के काबिज होने के बाद से वहां के हालात हर दिन बिगड़ रहे हैं। लोग अपनी जान बचाकर अफगानिस्तान से इधर-ऊधर भाग रहे हैं। काबुल एयरपोर्ट पर अभी भी लोगों का हुजुमा लगा हुआ है। वहीं जो लोग अफगानिस्तान से बाहर निकल चुके हैं वो बता रहे हैं कि अफगानिस्तान के मौजूदा हालात कैसे हैं। अफगानिस्तान से जान बचाकर पाकिस्तान पहुंचे लोगों ने बताया कि उनके साथ वहां किस तरह की ज्यादती हो रही थी। उन्होंने बताया कि उनके अपनों को उनके सामने तालिबानी लड़ाकों ने किस कदर मार डाला।
दो बेटियों के साथ पाकिस्तान पहुंची महिला, सता रहा बेटे का डर
काबुल की हजारा बिरादरी से तालुक रखने वाली एक अफगानिस्तानी महिला (जो अभी पाकिस्तान में हैं) ने बताया कि उनके साथ तालिबान ने कितनी क्रूरता की है। हजारा बिरादरी के लोगों को तालिबानी निशाना बनाते रहे हैं। ये महिला एक लंबे और कठिन सफर के बाद अपनी बेटियों के साथ चमन बॉर्डर से पाकिस्तान पहुंची हैं। लेकिन इन महिला का एक बेटा अभी भी अफगानिस्तान में फंसा हुआ है। इनका बेटा ब्रिटिश कंपनी में काम करता है। अब महिला अपने बेटे के लिए डर रही हैं। उन्हें क्रूर तालिबान की हरकतों का पता है। ऐसे में महिला को ये डर सता रहा है कि उनके बेटे का क्या होगा। डरी और सहमी अफगानिस्तानी महिला ने कहा कि ‘मेरा दिल जल रहा है। मैं खुद से पूछ रही हूं मेरे बेटे का क्या होगा। वो मेरा इकलौता बेटा है’।
‘बेटे की पत्नी की हत्या के बाद काफी समय तक सो नहीं पाई’
महिला अपने दुख बताते हुए आगे कहती हैं कि ‘जब उनके बेटे की पत्नी की मौत हुई तो वो बेसुध हो गई थीं। वो काफी समय तक सो नहीं पाईं थी’। दरअसल पाकिस्तान में शरणार्थी इस महिला की बहू कुछ साल पहले तालिबान के हजारा बिरादरी पर हमले के दौरान मारी गईं थी। इस महिला के दिमाग में आज भी उस मंजर को लेकर खौफ बना हुआ है। तालिबान की क्रूरता का सच बताते हुए महिला बताती हैं कि ‘तालिबान डरावने लोग हैं। मुझे उनसे डर लगता है। उन्होंने मेरी बहू को शहीद कर दिया उनमें बिल्कुल दया नहीं है। उनके पास दिल नहीं है’।
तालिबान की क्रूरता से मुल्क छोड़कर भाग रहे लोग
तालिबान की क्रूरता से लोग अब भारी संख्या में अफगानिस्तान से भाग रहे हैं। चमन बॉर्डर पर भी लोगों की भारी भीड़ लगी हुई है। लोग अपना काम धंधा छोड़कर जान बचाने के लिए अफगानिस्तान छोड़कर दूसरे देशों में शरण ले रहे हैं। काबूल पर तालिबान के कब्जे के बाद हर रोज हजारों अफगान शहरी चमन बॉर्डर से पाकिस्तान में दाखिल हो रहे हैं। यहां से ये लोग सेफ शहरों का रुख कर रहे हैं। हाथों में चंद कपड़े और खाने का सामान लिए अपने परिवार के साथ लोग पाकिस्तान पहुंच रहे हैं।
‘तालिबान की बातों पर विश्वास नहीं’
चमन बॉर्डर से पाकिस्तान पहुंच रहे कई लोगों का कहना है कि उनके साथ अभी तक कोई ज्यादती नहीं की गई। लेकिन उन्हें तालिबान पर भरोसा नहीं है। आने वाले दिनों में शायद हालात कुछ सुधर जाएं लेकिन अफगानिस्तान छोड़कर दूसरे देशों में शरण ले रहे ये लोग अपनी जान से खिलवाड़ नहीं करना चाहते हैं। ये लोग पहले भी तालिबान की क्रूरता को देख चुके हैं। ऐसे में तालिबान की बातों पर विश्वास करना इनके लिए नामुमकिन है। इसलिए ये लोग अब अपने परिवार के साथ अफगानिस्तान छोड़कर पाकिस्तान पहुंच चुके हैं।