रूस और यूक्रेन में युद्ध जारी है। जिसका खामियाज़ा अब धीरे – धीरे सभी देशों को भुगतना पड़ सकता है।
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टीकाकरण अभियान हो रहा प्रभावित
एक तरफ जहां रूस और यूक्रेन में युद्ध चला है तो वहीं दूसरी तरफ दुुनिया कोरोना से भी जूझ रही है। ऐसे में अब कोरोना का टीकाकरण अभियान भी प्रभावित हो रहा है।
भारत दवाई का सबसे बड़ा निर्माता
लड़ाई के कारण भारत का टीकाकरण अभियान भी प्रभावित हो रहा है। इसका असर वैश्विक कोरोना टीकाकरण कार्यक्रम पर भी पड़ सकता है। क्योंकि भारत दुनिया का सबसे बड़ा दवा निर्माता है। कोरोना के टीकों की भी बड़ी तादाद में भारत से ही विदेश में आपूर्ति हो रही है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण अमेरिका और उसके सहयोगी पश्चिमी देशों ने रूसी संस्थाओं, उपक्रमों पर अब तक के सबसे सख्त प्रतिबंध लगाए हैं। करीब-करीब हर दिन नए-नए प्रतिबंधों की घोषणा हो रही है।
रूस के बैंकों, उसके निवेश, उसकी पूंजियों और अंतरराष्ट्रीय भुगतान व्यवस्था में उसकी भागीदारी, सब प्रतिबंधित कर दी गई है। इससे छह दिन के भीतर ही रूस की अर्थव्यवस्था बुरी तरह हिल गई है। इससे भारत में बड़े पैमाने पर बन रही रूस की स्पूतनिक-वी वैक्सीन का उत्पादन भी प्रभावित हुआ है।
71 देशों में भेजी जा रही वैक्सीन
स्पूतनिक-वी वैक्सीन रूस के अलावा सबसे अधिक मात्रा में भारत में ही बनाई जा रही है। भारत में कोरोना टीकाकरण अभियान के तहत निजी स्तर पर यह वैक्सीन लगाई जा रही है। दुनिया के करीब 71 देशों में भेजी भी जा रही है। जहां टीकाकरण के लिए इसके इस्तेमाल की मंजूरी मिली हुई है। इन देशों की करीब 4 अरब आबादी इस वैक्सीन से अब तक लाभान्वित हो रही थी।