यूक्रेन पर हमले के 16 दिन बीत जाने के बाद अब रूस का हौसला डगमगाने लगा है।
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रूस की लगभग पौने दो लाख की फौज 2 हफ्ते बाद सेना भी लड़ते-लड़ते बुरी तरह से थक गई है। जिसके चलते हमले की रफ्तार बहुत धीमी पड़ गई है। जवानों की इसी कमी को देखते हुए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन बेहद चिंतित हैं और अनिवार्य सेना भर्ती खोल दी है।
क्या कहता है रूसी संसद में पारित नया कानून
रूस अब इसके तहत यूक्रेन के लिए 1 लाख नई भर्तियां करेगा। यही नहीं, रूसी संसद में नया कानून पारित कर अनिवार्य भर्ती के लिए नियमों को और सख्त बनाया है। पिछले कुछ समय से नई भर्ती खोलने की प्रक्रिया बंद थी। लेकिन अब रूस में 18 से 27 साल तक के लोगों को अनिवार्य रूप से सेना में कम से कम दो साल काम करना पड़ेगा। भर्ती में शामिल न होने वाले लोगों को दो साल से चार साल तक की सजा दी जाएगी। पहले रूसी सेना की ओर से योग्य युवाओं को पत्र भेजा जाएगा, यदि दो सप्ताह के भीतर वह नहीं आते हैं, तो उन्हें जेल में डाल दिया जाएगा। 1 अप्रैल तक एक लाख नई भर्तियां होंगी।
पकड़े गए कई सिविलियन
यूक्रेन ने युद्ध के दौरान ऐसे कई रूसियों को पकड़ा है जो कि रूसी सेना के नियमित फौजी नहीं हैं। पकड़े गए ऐसे कई लोगों के वीडियो यूक्रेनी सेना ने वायरल किए हैं। रूसी सेना ने युद्ध की शुरुआत में अनिवार्य सेना की सेवा वाले फौजियों को युद्ध में नहीं उतारने का ऐलान किया था। लेकिन अब रूस ने ऐसे फौजियों के युद्ध में शामिल होने की बात स्वीकारी है।
ब्रिटेन ने 7 रूसियों की संपत्ति फ्रीज की
ब्रिटेन में गुरुवार को 7 और रूसी धनकुबेरों की संपत्ति पर रोक लगा दी गई है। इन सभी की संपत्ति लगभग 1.12 लाख करोड़ रुपए है। जिन रूसी कुबेरों की संपत्ति फ्रीज की गई, उनमें चेल्सिया फुटबॉल क्लब के मालिक रोमन अब्रामोविच, रूसी तेल कंपनी रोजनिफ्त के मालिक इगोर सेनचिन, रूसिया बैंक के चेयरमैन दिमित्री लेबेदेव, पाइप लाइन कंपनी के मालिक निकोलाई तोकारेव और ऊर्जा कंपनी गाजप्रोम के एलेक्सी मिलर शामिल हैं। ब्रिटेन में अब तक 48 रूसी कुबेरों की संपत्ति फ्रीज हो चुकी है।
आधे कीव का पलायन
40 लाख की आबादी वाली यूक्रेनी राजधानी से लगभग 20 लाख लोगों का पलायन हो गया है। अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने कहा कि नाटो के सदस्य देशों की हर हाल में सुरक्षा दी जाएगी।
तो वहीं रूसी विदेश मंत्री ने कहा है कि रूसी और यूक्रेनी राष्ट्रपति के बीच अब वार्ता जरूरी हो जाती है।यूक्रेनी शरणार्थियों को आश्रय देने वाले पोलिश परिवारों को हर माह 21 हजार रुपए मिलेंगे।