यूक्रेन में रूसी सैनिकों ने बताया कि कैसे उनके एक साथी को रूस के ही सैनिकों ने गोली मार दी थी । क्योंकि वह यूक्रेन की एक महिला और उसकी मां को गोलीबारी से बचाने की कोशिश कर रहा था।
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यूक्रेन में घुसी रूसी सेना का अब तक का रास्ता उतना आसान नहीं रहा है जितना पुतिन ने सोचा था।
रूसी सैनिकों को क्या डर सता रहा
17 दिन की भीषण लड़ाई और बर्बर हमलों के बाद भी राजधानी कीव जेलेंस्की सरकार के नियंत्रण में है। इस दौरान कई रूसी सैनिक यूक्रेन में बंदी बना लिए गए हैं। जिनके वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किए गए। रूसी सैनिकों को खाने के लिए ब्रेड और चाय दी गई और परिवार से बात करवाई गई जिससे वे भावुक हो गए। अब इन सैनिकों को अपने घर लौटने में डर लग रहा है। इनका कहना है कि अगर वे रूस लौटे तो उनकी हत्या हो सकती है।
स्वदेश लौटे तो फायरिंग दस्ते से मौत का डर
यूक्रेन की सेना द्वारा पकड़े गए रूसी सैनिकों ने कहा है कि अगर वे स्वदेश लौटे तो उन्हें फायरिंग दस्ते से मौत का डर है। डेली टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार, कीव में एक प्रेस कान्फ्रेंस में बोलते हुए, द्वितीय मोटर राइफल डिवीजन के एक सैनिक ने कहा कि रूस लौटने पर उन्हें मारे जाने का डर है। सैनिक ने कहा, ‘रूस में, हमें पहले से ही मृत माना गया है।’
रूस में सजाई जा चुकी है सैनिकों की चिता
पकड़े गए सैनिकों में से एक ने कहा, ‘मुझे अपने माता-पिता को फोन करने का मौका दिया गया था और उन्होंने मुझे बताया कि मेरे लिए एक अंतिम संस्कार की व्यवस्था पहले ही की जा चुकी है। अगर अदला- बदली की जाती है, तो हमें अपने ही लोगों द्वारा गोली मार दी जाएगी।’ डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार, पकड़े गए एक अन्य रूसी सैनिक ने बताया कि कैसे यूक्रेन के नागरिकों को बचाने की कोशिश में उनके साथी सैनिकों ने उन्हें गोली मार दी थी।
यूक्रेन के नागरिकों को बचाते हुए मारा गया रूसी सैनिक
खारकीव में 24 फरवरी को रूसी सैनिकों को नागरिकों पर गोली चलाने का आदेश दिए जाने के बाद, उनके साथी, एक लेफ्टिनेंट, एक महिला और उसकी मां को बचाने की कोशिश करते समय अपनी ही तरफ से मारे गए थे। पकड़े गए सैनिक ने दावा किया कि उन्हें पैर में गोली लगी थी और लेफ्टिनेंट की मौत हो गई, जब अन्य सैनिकों ने महसूस किया कि यह जोड़ी नागरिकों पर गोली नहीं चला रही थी।
हताश हो चुकी है पुतिन की सेना !
एक ब्रिटिश खुफिया कंपनी द्वारा प्राप्त वॉयस रिकॉडिंर्ग के अनुसार, इससे पहले, पकड़े गए रूसी सैनिकों ने कहा था कि यूक्रेन पर आक्रमण ‘पूरी तरह से अव्यवस्थित’ था। वॉयस रिकॉर्डिंग में रूसी सैनिकों को झुंझलाते हुए सुना गया था क्योंकि अग्रिम मोर्चे पर लड़ते हुए उनके पास गोलियां, खाना और ईंधन खत्म हो गया है।
कई रिपोर्ट्स यह दावा कर चुकी हैं कि पुतिन के सैनिक अब ‘हताश’ हो चुके हैं।