चीन की राजधानी बीजिंग में आज विंटर ओलिंपिक की ओपनिंग सेरेमनी होने जा रही है। इस मौके के लिए 32 देशों के राष्ट्राध्यक्ष चीन पहुंचे हैं।
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इन सभी के शामिल होने का मकसद अलग अलग है। कोई चीन से दोस्ती के नाते बीजिंग पहुंचा है। तो कोई उसे अमेरिकी ब्लॉक के खिलाफ समर्थन देने पहुंचा है।
इमरान खान का मकसद क्या?
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भी अपने लाव लश्कर के साथ बीजिंग पहुंचे हैं। लेकिन उनके यहां पहुंचने का मकसद कर्ज मांगना है। इमरान खान 3 फरवरी से 6 फरवरी तक चीन के दौरे पर रहेंगे। इस दौरान वो बीजिंग से 3 बिलियन डॉलर का कर्ज चाहते हैं। बता दें कि इसी साल दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना को 70 साल हो गए हैं। इमरान की इस विजिट में पाकिस्तान में निवेश के साथ साथ चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे में आ रही परेशानियों पर भी चर्चा होगी। हालांकि अभी तक यह तय नहीं हुआ है कि शी जिनपिंग इमरान खान से अलग से मिलेंगे भी या नहीं।
सियासी ताकत दिखाने को तैयार जिनपिंग
ओलिंपिक के बहाने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी अपनी सियासी ताकत दिखाने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहते हैं। अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और कनाडा ने इसका डिप्लोमैटिक बायकॉट किया है। ऐसे में हाल के यूक्रेन संकट और ताइवान के मुद्दे पर चीन विंटर ओलिंपिक से दुनिया को संदेश देने में जुटा है।
पुतिन ने डिप्लोमैटिक बहिष्कार की निंदा की
यूक्रेन मुद्दे पर अमेरिका के साथ तनाव में उलझे पुतिन ने भी बीजिंग रवाना होने से पहले US और उसके साथियों पर जमकर हल्ला बोला था। उन्होंने ओलिंपिक के डिप्लोमैटिक बहिष्कार की निंदा की। पुतिन ने कहा कि अपने फायदे के लिए ओलिंपिक चार्टर के खिलाफ जाकर खेलों का राजनीतिकरण किया जा रहा है।
उद्घाटन समारोह में कौन कौन शामिल
शी जिनपिंग के इस ड्रीम इवेंट के उद्घाटन समारोह में UAE के प्रिंस सलमान, मिस्र के राष्ट्रपति अल सीसी, पोलैंड के राष्ट्रपति आंद्रेज डूडा, सर्बिया के राष्ट्रपति एलेक्जेंडर वूविक और कजाकिस्तान के राष्ट्रपति तोकायेव भी भाग लेंगे। चीन ने विंटर ओलिंपिक पर लगभग 29 हजार करोड़ रुपए खर्च किए हैं।
चीन सरकार की विरोधियों कार्रवाई
विंटर ओलिंपिक से पहले ही चीन ने सरकार विरोधियों को गिरफ्तार कर लिया। इनमें वकील शाई यांग और लेखक येंग माउडोंग शामिल हैं। मानवाधिकार कार्यकर्ता हू जियांग का कहना है कि जनवरी में ही सरकार विरोधियों को बुलाकर उनसे पूछताछ की जा रही है। इनमें से कई लोगों के सोशल मीडिया अकांउट बंद कर दिए गए हैं।
चीन सरकार की मजबूरी समझिए कि उसने खुफिया पुलिस इन लोगों की चौबीसों घंटे निगरानी कर रही है ताकि कुछ भी गड़बड़ ना हो सके।