बता दें कि भारत और नेपाल के बीच एक अहम समझौता हुआ है, जिसमें रक्सौल से काठमांडू को रेल से जोड़ने पर विचार किया गया। वहीं अब इस प्रोजेक्ट के रिपोर्ट तैयार करके समझौता ज्ञापन पर भी साइन कर दिये गये हैं। आपको बता दें कि ये प्रोजेक्ट 237 अरब रुपये की लागत से बनने जा रहा है।
नेपाल की राजधानी काठमांडू भारत के कई शहरों से सीधे जुड़ जाएगी
ब्रॉड-गेज के तैयार के होने से नेपाल की राजधानी काठमांडू भारत के कई शहरों को सीधे जुड़ा जायेगा। इस ट्रैक के बनने भारत और काठमांडू के अलावा माल को सीधे पहुंचने में मदद मिलेगी। अगर अभी की बात की जाये तो विदेशी शिपमेंट बीरगंज पहुंचती है जहां से पूरे नेपाल को सामान भेजा जाता है।
काठमांडू को जोड़ने के लिए चार रेलवे लाइन का प्रस्ताव दिया है
खबरों के मुताबिक भारत ने रक्सौल और काठमांडू को जोड़ने के लिए चार रेलवे लाइन का प्रस्ताव दिया है। वहीं नेपाल की जमान पर मंजूरी के बाद ये प्रोजेक्ट पांच साल बाद पूरा कर लिया जाएगा।
136 किलोमीटर लंबे बने इस ट्रैक से भारत और नेपाल में चीन के प्रभाव को भी किया जा सकेगा। वहीं विस्तृत परियोजना रिपोर्ट अगले 18 महीनों में तैयार की जाएगी और इसका खर्चा भारत सरकार उठाएगी।
17 किलोमीटर लंबे कुर्था से बिजलपुरा ट्रैक भी जल्दी ही पूरा कर लिया जायेगा
34 किलोमीटर लंबे जयनगर से कुर्था रेलखंड के बीच जल्द ही यात्री ट्रेने शुरु कर दी जायेंगी, बता दे कि इसको लेकर स्टैण्डर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर पर साइन किये जाने की बात कही जा रही है।
इसके अलावा जयनगर-जनकपुर-कुर्था-बिजलपुरा-बर्दीबास रेलखंड के साथ ही जोगबनी-बिराटनगर रेलखंड के विकास पर भी जोर देने की बात कही गयी है।वहीं 17 किलोमीटर लंबे कुर्था से बिजलपुरा ट्रैक भी जल्दी ही पूरा कर लिया जायेगा।
दोनों देशों को होगा फायदा
इसके अलावा दोनों देशों ने जयनगर-बिजलपुरा-बरदीबास और जोगबनी-विराटनगर ब्रॉड गेज रेलवे लाइनों के चल रहे कामों पर भी बात की, बता दें कि ये जयनगर से कुर्था तक रेलवे लाइन 34 किलोमीटर लंबी है। इस रेलवे लाइन के शुरु होने से दोनों देशों के लोगों को काफी फायदा होने वाला है ।