चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की जीरो कोविड नीति फिर विवादों में है। चीन के शंघाई शहर में कोरोना पॉजिटिव मासूम बच्चों को उनके माता-पिता से अलग किया जा रहा है। चीन ने अपने इस सबसे बड़े शहर शंघाई में सेना को तैनात किया है। कहा जा रहा है कि चीन शी जिनपिंग की कुर्सी बचाने के लिए यह कर रहा है।
यह भी पढ़े
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से राज्यमंत्री सुनील भराला ने की मुलाकात, तस्वीरें की शेयर
2.5 करोड़ लोग लॉकडाउन में कैद
चीन के सबसे बड़े शहर शंघाई में 2.5 करोड़ लोग लॉकडाउन में कैद हैं। इस बीच कोरोना वायरस के ओमीक्रोन वेरिएंट के प्रसार को रोकने के लिए चीन अब क्रूरता पर उतारू हो गया है। शंघाई में सेना की तैनाती करने के बाद चीन ने कोरोना वायरस से संक्रमित बच्चों को उनके मां-बाप से अलग करके उन्हें क्वारंटाइन कैंपों में डालना शुरू कर दिया है।
जीरो कोविड नीति फेल
चीन यह सब अपनी जीरो कोविड नीति के तहत कर रहा है जो अब बुरी तरह से फेल साबित हो रही है। विश्लेषकों का कहना है कि यह सब चीन अपने राष्ट्रपति शी जिनपिंग की कुर्सी बचाने के लिए कर रहा है।
आइए जानते हैं पूरा मामला
स्वास्थ्य अधिकारियों फैसले को बता रहे सही
शंघाई के स्वास्थ्य अधिकारियों ने सोमवार को कोरोना पॉजिटिव बच्चों और युवकों को उनके पैरंट्स से अलग करने के अपने फैसले का बचाव किया। चीन के लॉकडाउन लगाने और अब बच्चों को अलग करने से शहर के लोगों में हताशा बढ़ती जा रही है। चीन के इस वित्तीय हब में कोरोना वायरस वुहान महामारी के बाद सबसे ज्यादा भयानक तरीके से फैला है। चीन के सख्त कानून के मुताबिक अगर कोई कोरोना वायरस से संक्रमित पाया जाता है तो उसे अन्य लोगों से अलग होना ही होगा।
जिनपिंग को फेल साबित होने से बचाना है मकसद
इस नियम में वे बच्चे भी शामिल हैं जो टेस्ट में पॉजिटिव हैं लेकिन उनके पैरंट्स संक्रमित नहीं हैं। चीन की इस नीति का शंघाई में जमकर विरोध हो रहा है। चीन 7 साल से छोटे बच्चे को अस्पताल में ले जा रहा है। वहीं उससे बड़े बच्चों या किशोरों को क्वारंटाइन कैंपों में डाला जा रहा है जहां अन्य मरीज भी हैं।
सोशल मीडिया पर फैसले का जमकर विरोध
चीन के सोशल मीडिया में इस फैसले का जमकर विरोध हो रहा है। वे बच्चों के साथ रखने की मांग कर रहे हैं। पैरंट्स की इस मांग से बेपरवाह चीन का कहना है कि कोरोना से बचाव और रोकथाम के लिए बनाई गई नीति का यह अभिन्न हिस्सा है।
तमाम प्रयास मगर फिर भी आए 9 हजार नए मामले
चीन के इस सख्त कदम के बाद भी सोमवार को कोरोना के 9 हजार नए मामले सामने आए हैं। इस बीच विश्लेषकों का कहना है कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की असफलता को छिपाने के लिए जीरो कोविड नीति को जारी रखा जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक चीन अपनी असफल साबित हो रही जीरो कोविड नीति को इसलिए अभी लगातार लागू कर रहा है ताकि शी जिनपिंग को फेल साबित होने से बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की अक्टूबर में बैठक होनी है ताकि शी जिनपिंग के तीसरे कार्यकाल को मंजूरी दी जा सके।
चीन का दावा, कोरोना वायरस विदेशों से आ रहा
स्टीफन ने कहा कि ऐसा डर है कि अगर जीरो कोविड नीति से हटकर चीन कोई अगर और नीति अपनाता है तो इससे यह संदेश जाएगा कि इस नीति के तहत सरकार की हाल के समय में अपनाई गई नीतियां गलत थीं। इससे चीन में पीड़ित लोग अनावश्यक रूप से कुपित हो जाएंगे।
चीन की कम्युनिस्ट पार्टी लगातार अपनी जनता को यह बता रही है कि कोरोना विदेशों से आ रहा है। ताजा प्रकोप के लिए दक्षिण कोरिया से आए कपड़ों को जिम्मेदार ठहराया गया है।