featured दुनिया

JAPNESE SEA में AMERICA, AUSTRALIA, GERMANY, CANADA का जापान सागर में अब तक का सबसे बड़ा शक्ति प्रदर्शन

690234 malabar2 JAPNESE SEA में AMERICA, AUSTRALIA, GERMANY, CANADA का जापान सागर में अब तक का सबसे बड़ा शक्ति प्रदर्शन

अमेरिका, जापान, ऑस्‍ट्रेलिया, कनाडा, जर्मनी की नौसेना नौसैनिक अभ्‍यास कर रही है । चीन-रूस के साथ तनाव के बीच रविवार से शुरू हुआ अभ्‍यास 30 नवंबर तक जारी रहेगा। जापानी सेना की ओर से आयोजित इस अभ्‍यास को ANNUALEX 2021 नाम दिया गया है

युद्धाभ्‍यास के मायने क्या ?

अमेरिका ने दक्षिण चीन सागर में बड़ा नौसैनिक युद्धाभ्‍यास शुरू किया है। इसमें जापान, ऑस्‍ट्रेलिया, कनाडा, जर्मनी के युद्धपोत हिस्‍सा ले रहे हैं। यह अभ्‍यास चीन और रूस के साथ चल रहे तनाव के बीच किया जा रहा है। चीन और रूस के साथ दक्षिण चीन सागर से लेकर जापान सागर तक चल रहे तनाव को देखते हुए अमेरिका, जापान, ऑस्‍ट्रेलिया, कनाडा, जर्मनी की नौसेना नौसैनिक अभ्‍यास कर रही है। गत रविवार से शुरू हुआ यह अभ्‍यास अभी 30 नवंबर तक जारी रहेगा।

 

यह भी पढ़े

धरती के सबसे अमीर शख्स ELON MUSK ने बेचा अपना आखिरी घर

जर्मनी पहली बार ले रहा हिस्सा

जापानी सेना की ओर से आयोजित इस अभ्‍यास का नाम ANNUALEX 2021 दिया गया है। यह अभ्‍यास हर साल होता है और पहली बार जर्मनी इसमें हिस्‍सा ले रहा है। यह अभ्‍यास ऐसे समय पर हो रहा है जब चीन लगातार इस इलाके में दादागिरी दिखा रहा है और रूस के साथ मिलकर फाइटर जेट उड़ा रहा है।

युद्ध कौशल को बढ़ाना है मकसद

इसका मकसद समुद्री सपंर्क रणनीति, दुश्‍मन की सबमरीन को तबाह करने की क्षमता, हवाई युद्ध कौशल,  एक-दूसरे के युद्धपोतों पर विमानों को उतारना आदि का अभ्‍यास शामिल है। जर्मनी ने ऐलान किया है कि वह अब आगे भी अपनी नौसेना को हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अभ्‍साय के लिए भेजता रहेगा। साथ ही क्षेत्र के अपने भागीदार देशों के साथ रक्षा संबंध को मजबूत करेगा। जर्मनी ने अपने फ्रीगेट एफ.जी.एस बार्येन को इस अभ्‍यास के लिए भेजा है।

दक्षिण चीन सागर से सटे देश चीन की दादागिरी से परेशान

वहीं अमेरिका की ओर से एयरक्राफ्ट कैरियर यूएसएस कार्ल विन्‍सन समेत कई क्रूजर और डेस्‍ट्रायर शिप‍ हिस्‍सा ले रहे हैं। अमेरिकी नौसेना के अपने युद्धपोत यूएसएस टूल्‍सा और पी 8 विमान के साथ मलेशिया की नौसेना के साथ भी अभ्‍यास करेगी। दक्षिण चीन सागर से सटे देश इन दिनों चीन की दादागिरी से परेशान हैं और वे अमेरिका तथा जापान से मदद की उम्‍मीद लगाए बैठे हैं। चीन न केवल दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों को आंखें दिखा रहा है, बल्कि जापान के कब्‍जे वाले द्वीप पर भी नजरें गड़ाए बैठा है।

जापान हाल ही चीन को दे चुका है सबक

हाल ही में चीन ने रूस के साथ मिलकर जापान के पास से कई फाइटर जेट उड़ाए थे। वहीं ताइवान को लेकर पहले ही तनाव काफी बढ़ा हुआ है। कुछ समय पहले ही एशिया में विस्तारवाद की आक्रामक रणनीति लागू करने में जुटे चीन को जापान ने अच्छा सबक सिखाया था। जापानी जलक्षेत्र के पास गश्त लगा रही चीनी नौसेना की पनडुब्बी को जापान ने दूर जाने के लिए मजबूर कर दिया। इस पनडुब्बी को जापान के दक्षिणी हिस्से में स्थित द्वीपों के पास देखा गया था। इसके बाद जापानी नौसेना के कई युद्धपोत और समुद्री गश्ती विमानों को पूरे क्षेत्र में तैनात कर दिया है।

द्वीपों को लेकर जापान-चीन में है विवाद

चीन और जापान में पूर्वी चीन सागर में स्थित द्वीपों को लेकर आपस में विवाद है। दोनों देश इन निर्जन द्वीपों पर अपना दावा करते हैं। जिन्हें जापान में सेनकाकु और चीन में डियाओस के नाम से जाना जाता है। इन द्वीपों का प्रशासन 1972 से जापान के हाथों में है।

चीन का दावा है कि ये द्वीप उसके अधिकार क्षेत्र में आते हैं और जापान को अपना दावा छोड़ देना चाहिए। इतना ही नहीं चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी तो इसपर कब्जे के लिए सैन्य कार्रवाई तक की धमकी दे चुकी है।

 

 

Related posts

चीन की तश्करी का नया खुलासा: पाकिस्तान की दुल्हनों को चीनी मार्केट में बेचा जा रहा

bharatkhabar

बांदा में बूथों पर बिजली हुई गुल, मोमबत्ती से हो रहा मतदान

kumari ashu

राम रहीम की फिर बढ़ेगी मुश्किलें, हत्या के 2 मामलों में आज सुनवाई

Pradeep sharma