दुनिया के कई देशों में ओमीक्रोन का सब-वेरिएंट BA.2 बड़ी तेजी से फैल रहा है। मामलों की दर के साथ-साथ अस्पताल में भर्ती मरीजों की संख्या फिर से बढ़ने लगी है। इसके बावजूद, कोरोना वायरस के सर्विलांस और रिपोर्टिंग में ढिलाई बरती जाने लगी है।
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31 मार्च से पाबंदियों को हटाने का फैसला
भारत सरकार ने 31 मार्च से कोरोना से जुड़ी सभी पाबंदियों को हटाने का फैसला किया है। हालांकि मास्क लगाना, हाथों की सफाई और दो गज की दूरी जैसे नियम लागू रहेंगे। सिर्फ भारत ही नहीं, कई अन्य देश भी पाबंदियां हटा रहे हैं। फिलिपींस ने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए देश में विदेशी पर्यटकों की एंट्री पर क्वॉरंटीन में छूट देने का फैसला किया है। दक्षिण अफ्रीका ने भी लॉकडाउन नियमों में ढील देने की घोषणा की है।
फैसला का समय क्या है सही ?
यह फैसले उस वक्त लिए जा रहे हैं जब ओमीक्रोन के सब-वेरिएंट BA.2 ने चीन, हान्ग कॉन्ग, जर्मनी व यूरोप के अन्य देशों में कहर बरपा रखा है। साइंटिफिक जर्नल ‘नेचर’ ने अपने संपादकीय में कहा है कि BA.2 के प्रसार को देखते हुए देशों को कोविड-19 सर्विलांस और ट्रैकिंग की रफ्तार धीमी नहीं करनी चाहिए। एक्सपर्ट्स ने चेताया है कि अगर लापरवाही बरती गई तो खतरा बढ़ जाएगा और संक्रमण और बड़े पैमाने पर फैल सकता है।
बीच में इलाज रोकने जैसा है यह फैसला
‘नेचर’ के संपादकीय में अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम का उदाहरण दिया गया है। यूके ने इन्फेक्शंस पर वीकली अपडेट्स बंद करने का फैसला किया है। वहां अब टेस्ट भी फ्री नहीं किए जाएंगे। अमेकिा में भी स्थानीय स्तर पर कोरोना मामलों की रिपोर्टिंग अब कम होने लगी है। आठ राज्यों को छोड़कर बाकी सभी राज्यों ने अब हफ्ते में पांच दिन ही डेटा जारी किया जा रहा है।
एक्सपर्ट बता रहे बेहद खतरनाक संकेत
अपने संपादकीय में ‘नेचर’ ने कहा है कि कई देशों में राजनीतिक चिंतन ‘न्यू नॉर्मल’ अपनाने की ओर मुड़ चुका है। सरकारों ने कोविड का बजट घटा दिया है जिसे एक्सपर्ट बेहद खतरनाक संकेत बता रहे हैं। ‘नेचर’ में लिखा है कि ऐसे फैसले भविष्य को ध्यान में रखकर नहीं किए जा रहे। जर्नल ने ऐंटीबॉयटिक्स की एनॉलजी दी है कि यह फैसले कुछ वैसे ही हैं कि लक्षण में राहत मिलने पर ऐंटीबॉयटिक्स का कोर्स बंद कर दिया जाए; जबकि इससे यह खतरा बढ़ जाता है कि संक्रमण वापस आ जाएगा।
अब ढिलाई बहुत भारी पड़ सकती है
पिछले हफ्ते छपी एक स्टडी में दावा किया गया है कि नया वेरिएंट इस वक्त फैल रहे वेरिएंटस से काफी ज्यादा खतरनाक हो सकता है। एक्सपर्ट्स के अनुसार, अब भी दुनिया की बड़ी आबादी नॉन-वैक्सीनेटेड है। ऐसे में वायरस को ट्रैक और ट्रीट करने में ढिलाई भारी पड़ सकती है। उन्होंने चेताया कि अगर सरकारें ही ढुलमुल रवैया अपनाएंगी तो पब्लिक और लापरवाह हो जाएगी। केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को इस बारे में खत भेजा है। बीते 7 हफ्तों में कोरोना के मामलों में लगातार गिरावट आई है।
आज बढ़ गए हैं कोरोना के केस
भारत में पिछले 24 घंटों के भीतर कोरोना मामलों में हल्की बढ़त देखने को मिली है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से गुरुवार सुबह जारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 में 1,938 नए मामले सामने आए। यह आंकड़ा पिछले दिन के 1,778 मामलों से थोड़ा अधिक है। इसी अवधि में 67 मौतें भी दर्ज की गईं, जिससे कुल मौतों की संख्या 5,16,672 हो गई। भारत में कोरोना के सक्रिय मरीजों का आंकड़ा घटकर 22,427 हो गया, जो देश के कुल पॉजिटिव मामलों का 0.05 प्रतिशत है। पिछले 24 घंटों में कुल 2,531 मरीज ठीक हुए हैं और महामारी की शुरूआत से अब तक ठीक हुए मरीजों की कुल संख्या 4,24,75,588 है।
नतीजतन, भारत का रिकवरी रेट 98.75 प्रतिशत है। देश में वर्तमान में साप्ताहिक पॉजिटिविटी रेट 0.35 प्रतिशत है और दैनिक पॉजिटिविटी रेट भी 0.29 प्रतिशत बताई गई है।