Breaking News featured दुनिया देश राज्य

अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस आज, जानें कैसे अस्तित्व में आया यह बेहद महत्वपूर्ण दिन

democretic day अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस आज, जानें कैसे अस्तित्व में आया यह बेहद महत्वपूर्ण दिन

नई दिल्ली। लोकतंत्र एक ऐसी व्यवस्था है जो सीधे लोकतांत्रिक देश के निवासियों को प्रमुख अधिकारों से परिचित कराती है, जिसके अंतर्गत लोग स्वेच्छा से अपने शासक का चयन कर सकते है। असल में लोकतंत्र का अर्थ “लोगों का शासन” होता है, जो कि दो यूनानी शब्दों (डेमोश और क्रेशिया) से बना है। लेकिन विश्व भर में सभी देश लोकतंत्रिक शासित नहीं है, कुछ ऐसे भी देश है जहां गैर – कानूनी ढंग से सैनिक तख्तापलट कर शासन करना या सिर्फ राजाओं के वंशजों का ही शासन होता है। अतः लोकतंत्र को मुख्य रूप से दो भागों में बांटा गया हैं, लोकतांत्रिक एवं गैर लोकतांत्रिक।

उदाहरण के तौर पर म्यांमार के सैनिक शासकों का चुनाव आम लोग नहीं करते बल्कि सेना पर नियंत्रण करने वाले लोग ही देश के शासक बन गए, जिसमें लोगों की कोई भागीदारी नहीं थीं। इसी तरह से नेपाल के राजा और सऊदी अरब के शाह लोगों द्वारा चयनित नहीं होते बल्कि राजवंशी होने के कारण उन्हें यह हक वसीयत की तरह ही मिल जाता है। नॉर्वे, आइसलैंड, स्वीडन, डेनमार्क, केनेडा, ऑस्टेलिया, अमेरिका समेत भारत भी एक लोकतंत्रिक देश है और यहां के लोग अपने शासक व नेता का वोटिंग द्वारा चुनाव खुद ही किया करते हैं, जहां हर वोट का समान महत्तव होता है।

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2007 में एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें लोकतंत्र को बढ़ावा व सराहना की बात कही गई औऱ संयुक्त राष्ट्र द्वारा देशों की सरकारों को लोकतंत्र को और प्रबल करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर कार्यक्रमों का आयोजन करने के लिए प्रत्येक वर्ष 15 सितंबर को चुना गया औऱ अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस के नाम से सुशोभित भी। पहली बार अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस साल 2008 में मनाया गया और तभी से हर साल 15 सितंबर के दिन को अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है।

अमेरिका के 16वें राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन के अनुसारः लोकतंत्र का अर्थ लोगों का, लोगों के द्वारा और लोगों के लिए है। लेकिन यह सिर्फ यहीं तक ही सीमित नहीं अपितु इसका व्यापक अर्थ सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक लोकतंत्र होता है। जो देश के निवासियों को समान रूप से सामाजिक व आर्थिक अवसर, प्रतिष्ठा और राजनैतिक भागीदारी प्राप्त कराती हो।

‘स्पेस फॉर सिविल सोसाइटी’ की माने तो सफल और स्थिर लोकतंत्र तब है जब सिविल सोसायटी और सरकारें एक साथ मिल-जुल कर समाज के लिए कार्य करना होता है।

इस दिन का महत्तव और बढ़ जाता है क्योंकि यह सरकार व समाज दोनों को लोकतंत्र को सशक्त बनाने और व्यवस्थित चुनौतियों के उत्तर देने के तरीकों को तलाशने का पूरा मौका देती है साथ आर्थिक और राजनीतिक असमानताओं को सुलझाने के नये आयाम भी।

Related posts

सिद्धार्थ नगर- पुलिस को मिली बड़ी कामयाबी, 2 हत्यारों को हथियार सहित किया गिरफ्तार

Breaking News

आई जी रेंज विजय प्रकाश के साथ डीएम और एस एस पी फैजाबाद ने भी की पंचकोशी परिक्रमा

piyush shukla

केजरीवाल सरकार का तीसरा बजट, मनीष सिसोदिया ने पेश किया बजट

kumari ashu