कुलभूषण मामले में भारत को CIJ से बड़ी हासिल हुई है। CIJ के जस्टिस रोनी अब्राहम ने अपना फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा है कि इंटरनेशनल कोर्ट के आखिरी फैसले तक कुलभूषण जाधव की फांसी पर रोक लगाई जाती है।
ऐसी रही कोर्ट की पूरी सुनवाई…
अंतराष्ट्रीय न्यायालय में कुलभूषण पर जस्टिस रोनी अब्राहम ने फैसला सुनाया।
कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि भारत ने पैरवी में बताया कि कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान ने गिरफ्तार किया था।
जाधव की गिरफ्तारी के बाद भारत ने कई बार जाधव की जानकारी मांगी लेकिन पाक ने हर बार इंकार कर दिया।
कोर्ट ने कहा कि भारत को कुलभूषण जाधव मामले में काउंसर एक्सेस मिलना चाहिए।
कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि पाक जाधव को जासूस नहीं कह सकता। पाकिस्तान का जाधव को गिरफ्तार करना एक विदादित मुद्दा है।
कोर्ट ने दोनों पक्षो के बीच वियन संधि होने के कारण कहा कि कुलभूषण मामले में कोर्ट को अपना फैसला सुनाने का पूरा हक है।
कोर्ट का कहना है कि जाधव पर सही समय पर अपील दायर नहीं की गई। दोनों इस बात पर राजी हैं कि जाधव एक भारतीय नागरिक है इसलिए अनुच्छेद 36 के तहत इस फैसले को किया जाएगा।
कोर्ट ने अदालत का आखिरी फैसला आने तक जाधव की फांसी पर रोक लगा दी है।
कोर्ट ने भारत की मांगों को नियमों के अनुसार बिलकुल ठीक बताया। कोर्ट ने कहा कि भारत को अपने नागरिक की मदद करने का पूरा हक है।
कोर्ट ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच 2008 में जो भी समझौता हुआ है, उस समझौते को अनुच्छेद 36 के तहत लागू करना सही नहीं होगा।
इंटरनेशनल कोर्ट का कहना है कि पाकिस्तान तर्क के द्वारा जाधव मामले में वियना संधि लागू नहीं होती है, जबकि भारत के तर्क से साफ होता है कि उसका पक्ष मजबूत है।
कोर्ट का कहना है कि भारत ने संशय जताया है कि कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान में कभी भी फांसी दी जा सकती है, लेकिन इस संशय पर पाकिस्तान ने कोर्ट को भरोसा जताया गया है कि कुलभूषण जाधव को अगस्त 2017 तक फांसी नहीं दी जाएगी।
रानी नक़वी