सहारनपुर। एक छह साल की बच्ची ने पिता के इलाज के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खत लिखा और कोमा में पड़े पिता के इलाज के लिए गुहार लगाई। जिसके बाद मुख्यमंत्री के निर्देश पर जिला प्रशासन मदद के लिए आगे आया है। इलाज के भारी खर्च के कारण उनका परिवार भूखमरी की कगार पर आ गया है। जिलाधिकारी प्रमोद कुमार पांडेय ने परिवार वालों को भरोसा दिलाया है कि पैसों की वजह से इलाज में कोई कमी नहीं आएगी। इलाज पर जो भी खर्च आएगा उसको मुख्यमंत्री राहत कोष से दिया जाएगा। अधर बच्ची के पिता की हालत में कोई सुधार नहीं है। गांव वालों की मदद से बच्ची के पिता को प्राईवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया।
बता दें कि गंगोह के गांव अलीपुर निवासी अरूण के साथ मिर्जापुर के पास ट्रैक्टर ट्रॉली से घटना होने के कारण पिछले काफी दिनों से कोमा में हैं। अरूण को पहले जहधारी अस्पताल ले जाया गया। वहीं उनकी हालत में सुधार न होने के कारण उन्हें चंड़ीगढ के पीजीआई ले जाया गया। वहां करीब एक साल तक उनका इलाज चला। इलाज में इतना पैसा लग लगा कि परिवार रिश्तेदारों से उधार मांगने पर मजबूर हो गया। लेकिन बाद में रिश्तेदारों ने भी हाथ पीछे कर लिए। जिसके बाद अरूण की पत्नी उसे घर पर ही ले आई। जिसके कारण अरूण कोमा की हालत में घर पर ही है। अहम और दुख की बात ये है कि अरूण अपने परिवार में अकेला कमाने वाला है।
वहीं इसी बीच अरूण की बच्ची ने टीवी पर पीएम मोदी का भाषण सुना और घर आकर मां से कहा कि वो अपने पिता के इलाज के लिए पीएम से गुहार लगाएगी। 12 सितंबर को छोटी सी ईशू ने पीएम मोदी को खत लिखा और मदद की गुहार लगाई। इसके बाद यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रशासन को इलाज कराने के निर्देश दिए। वहीं मीडिया में एस खबर को पढ़कर एक संस्थान भी इस बच्ची की मदद के लिए आगे आया और इलाज में सहयोग करने का भरोसा दिया।