पंजाब में सत्ता परिवर्तन के चलते शिक्षा विभाग में कई आला अधिकारियों के तबादलों के बाद नई नियुक्तियां न होने से कई शिक्षण संस्थाएं अस्थाई अधिकारियों के सहारे ही चल रही हैं। इन पर कई दिनों के बाद भी स्थाई नियुक्तियां नहीं हुई हैं। पंजाब के स्कूलों का खराब परीक्षा परिणाम आने के बाद विवादों में घिरे पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के पूर्व चेयरमैन बलवीर सिंह ढोल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
उनके स्थान पर अभी तक कोई नई नियुक्ति नहीं हुई है। उधर पंजाबी विश्वविद्यालय पटियाला, गुरू नानक देव विश्वविद्यालय अमृतसर, पंजाब तकनीकी विश्वविद्यालय जालंधर को भी अभी तक स्थाई कुलपति नहीं मिले हैं। यह पद भी पिछले कई दिनों से खाली पड़े हैं। पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड में तो पिछले करीब एक साल से अधिक समय बीतने के बावजूद सचिव, परीक्षा नियंत्रक, निदेशक अकादमिक शाखा आदि समेत कई अहम पदों का कार्यभार अस्थाई रूप से दूसरे अधिकारियों को सौंपा गया है। जिसके चलते विभागीय कामकाज प्रभावित हो रहा है।
गौरतलब करने वाली बात यह है कि मंगलवार को पंजाब विधानसभा में कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार ने अपना पहला बजट पेश किया है। पंजाब सरकार द्वारा पेश किए गए इस बजट में किसानों को बड़ी राहत दी गई है। सरकार ने नर्सरी से लेकर पीएचडी तक लड़कियों की पढ़ाई फ्री में कराने का फैसला लिया है। साथ ही सरकार ने फैसला लिया है कि दलित किसानों का 50 हजार रुपयों तक कर्ज माफ किया जाएगा।