भारतीय नौसेना का पहला विध्वंसक INS राजपूत आज से सेवा मुक्त हो जाएगा। INS राजपूत 41 साल से भारतीय नेवी का हिस्सा रहा है, तत्कालीन सोवियत संघ में बने INS राजपूत को 4 मई 1980 को नवी में शामिल किया गया था। यह भारतीय नौसेना का पहला पोत है जिसे थल सेना की किसी रेजीमेंट-राजपूत रेजीमेंट से संबद्ध किया था।
विशाखापट्टनम में किया जाएगा सेवा मुक्त
INS राजपूत को नेवल डॉकयार्ड विशाखापट्टनम में एक समारोह में सेवा मुक्त किया जाएगा। कार्यक्रम में कोरोना प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन होगा। कार्यक्रम में केवल इनस्टेशन अधिकारी और नाविक शामिल होंगे।
कई प्रमुख मिशनों में लिया भाग
INS राजपूत ने पिछले चार दशकों में कई प्रमुख मिशनों में भाग लिया। इनमें भारतीय शांतिरक्षक बलों की सहायता के लिए श्रीलंका में ऑपरेशन अमन, ऑपरेशन पवन, मालदीव से बंधक स्थिति को हल करने के लिए ऑपरेशन कैक्टस में भी शामिल रहा है। INS राजपूत मूल रूप से रूसी पोत था, इसका नाम नादेजनी था। जिसका अर्थ है उम्मीद। ये एंटी सबमरीन, एंटी एयरक्राफ्ट हमले में सक्षम था।