फतेहपुर । जिले के हथगांव थाना क्षेत्र के कसबे से सटे मऊपारा जंगल में कस्बा निवासी सुदेवी को सुबह खेत से लौटते वक्त रास्ते में चीख पुकार की आवाज सुनाई दी । करीब से महिला ने देखा तो एक नवजात बच्ची कपडे में लिपटी पड़ी रो रही थी। बच्ची के आप-पास चारों ओर कोई नहीं दिख रहा था। उसने जोर जोर से आवाज लगाई तभी गांव के लोग एकत्र हो गए। मौसम देख बच्ची को घर ले जाने की सभी लोगों ने सलाह दे डाली।
सुदेवी की ममता जाग गयी उसको अपने घर ले आई और समाज की लोक लाज के कारण इस बदनसीब बच्ची को भले ही 9 महीने तक गर्भ में रखने वाली माँ का आँचल ना मिला हो मगर सुदेवी ने अपनी पूरी ममता इस नन्ही सी गुड़िया पर लूटा रही हैं। पूरे परिवार में ख़ुशी का माहौल है। पति मंझिले पाल को भी कोई आपत्ति नहीं है।
जिस माँ ने 9 महीने अपने गर्भ के अन्दर रखा आज जन्म देने के बाद अचानक अपनी संतान की दुश्मन बन जाती हैं ।हमारे इस समाज में लोक लाज के चलते कितने नवजातों को अपना जीवन खो देना पड़ता है। आखिर कार इनका कसूर किया है । जिनको जन्म देने के बाद मार दिया जाता है। हमारे समाज में अपने पाप को छुपाने के लिए हर वर्ष कितने नवजातों को अपनी जाने गवाना पड़ती है। कब यह सिलसिला थमेगा या नहीं अपने आप में खुद एक बड़ा सवाल है।
मुमताज़ अहमद, संवाददाता