बागपत: कुख्यात माफिया डॉन प्रेम प्रकाश उर्फ मुन्ना बजरंगी की बागपत जेल में हत्या कर दी गई। आज उसकी बागपत कोर्ट में पेशी होनी थी और इसी के लिए उसे झांसी से बागपत लाया गया था।
मुन्ना बजरंगी को कुख्यात सुनील राठी और विक्की सुनहेड़ा के साथ तन्हाई बैरक में रखा गया था। आज मुन्ना बजरंगी की बीएसपी के पूर्व विधायक लोकेश दीक्षित से रंगदारी मांगने के मामले में बागपत कोर्ट में पेशी होनी थी।
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पत्नी ने पहले भी जताई थी हत्या की आशंका
आपको बता दें कि मुन्ना बजरंगी की पत्नी पहले ही उसकी हत्या की आशंका जता चुकी थी। इससे पहले झांसी जेल में भी मुन्ना पर हमला हुआ था। मुन्ना बजरंगी की पत्नी सीमा ने कहा था कि मेरे पति की जान को खतरा है। यूपी एसटीएफ और पुलिस उनका एनकाउंटर करने की फिराक में हैं। झांसी जेल में मुन्ना बजरंगी के ऊपर जानलेवा हमला किया गया।
जेल में जहर देने की कोशिश
साथ ही मुन्ना की पत्नी सीमा ने कहा था कि कुछ प्रभावशाली नेता और अधिकारी मुन्ना की हत्या करने का षड्यंत्र रच रहे हैं। सीमा ने कहा था कि जेल में ही उसके पति के खाने में जहर देने की कोशिश की गई। सीसीटीवी फुटेज में भी इसकी रिकॉर्डिंग है, जिसमें एक एसटीएफ अधिकारी जेल में ही मुन्ना बजरंगी को मारने की बात कह रहे हैं। इसकी शिकायत कई अधिकारियों और न्यायालय से की, लेकिन कहीं से भी सुरक्षा नहीं मिली।
कौन था मुन्ना डॉन
मुन्ना के बारे में कहा जाता था कि वो सुपारी लेकर किसी की भी हत्या करा सकता है। जौनपुर के कसेरूपूरेदयाल गांव का रहने वाले मुन्ना बजरंगी का नेटवर्क मुंबई, पश्चिम बंगाल, हरियाणा और पूर्वी उत्तर प्रदेश में फैला हुआ था। उसका अपराध का सफर 1982 से शुरू हुआ जो अभी भी जारी है। इस बीच मुन्ना से मुख्तार अंसारी ने हाथ मिला लिया। इस गठजोड़ का परिणाम यह निकला कि मुन्ना ने 2005 में मुहम्मदाबाद के बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या कर दी। राय की हत्या के बाद मुन्ना बजरंगी अपराध की दुनिया में दहशत का दूसरा नाम बन गया। 2012 में मड़ियाहू विधानसभा चुनाव से वह चुनाव भी लड़ चुका है।