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जीएसटी टैक्स दरों में शामिल वस्तुओं की दोबारा विचार की मांग- कैट

p1 1 जीएसटी टैक्स दरों में शामिल वस्तुओं की दोबारा विचार की मांग- कैट

नई दिल्ली। कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने कहा है कि जीएसटी की विभिन्न कर दरों में शामिल अनेक ऐसी वस्तुएं जो वर्तमान वैट प्रणाली में कम कर दर में हैं लेकिन जीएसटी में उच्च कर दर में प्रस्तावित होने से रिटेल व्यापार क़े विभिन्न वर्गों क़े व्यापारिक संगठनों ने इस पर दोबारा विचार किये जाने का आग्रह किया है।

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एक अनुमान क़े अनुसार जीएसटी में लगभग 1211 वस्तुओं और 36 सेवाओं को विभिन्न कर श्रेणियों में डाला गया है जिसमें से लगभग 50 प्रतिशत 18 प्रतिशत में, 14 प्रतिशत 5 प्रतिशत में, 17 प्रतिशत 12 प्रतिशत में और 19 प्रतिशत 28 प्रतिशत की कर दर में राखी गयी है जबकि टेक्सटाइल, फुटवियर, ज्वेलरी सहित अन्य आइटमों पर कर दर तय होनी बाकी है। कर दरों पर उपजे विवाद को देखते हुए कैट ने सरकार से आग्रह किया है की अच्छा होगा यदि व्यापारियों की चिंताओं को देखते हुए जीएसटी कर दरों पर पुन विचार किया जाए।

कैट क़े राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.सी. भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने कहा है की जीएसटी की विभिन्न कर दरों में शामिल वस्तुओं का कीमतों पर प्रभाव का अध्यन बेहद ध्यान से करना जरूरी है क्योंकि जीएसटी में न केवल सामान पर दिया हुए टैक्स का बल्कि व्यापारिक उद्देश्य क़े ली गयी सेवाओं पर भी दिए हुए टैक्स का पूरा इनपुट क्रेडिट मिलेगा| दूसरी ओर दूसरे राज्य से ख़रीदे हुए माल पर भी दिए हुए टैक्स का इनपुट क्रेडिट मिलेगा। वर्तमान वैट कर प्रणाली में यह लाभ नहीं मिलता है। इस दृष्टि से इन लाभों को ध्यान में रखते हुए ही जीएसटी में कीमतों क़े प्रभाव को देखा जाना चाहिए।

कैट ने कहा की फिर भी अनेक वस्तुएं जो अभी तक कम कर दर में वही अब जीएसटी में उच्चतम कर दर में रखी गयी हैं जिनमें मुख्य रूप से ऑटो स्पेयर पार्ट्स जो वर्तमान में पांच प्रतिशत में है वो जीएसटी में 28 प्रतिशत में, भवन निर्माण का अधिकांश सामान सीमेंट, बिल्डर हार्डवेयर, लोहा आदि 18 एवं 28 प्रतिशत में, हल्दी, धनिया, लाल मिर्च, जीरा जैसी खाद्य वस्तुएं जिन्हें कर मुक्त होना चाहिए था वो 5 प्रतिशत में, दूध हालांकि कर मुक्त है लेकिन घी एवं मक्खन 12 प्रतिशत में, हैंड बैग, पर्स जैसी मामूली वस्तु 28 प्रतिशत में जबकि अचार, सॉस, इंस्टेंट मिक्सर और फ़ूड प्रोसेसिंग के अनेक आइटम 18 प्रतिशत की कर दर में रखे गए है वहीं मार्बल स्टोन 28 प्रतिशत की दर में रखा गया है।

जहां बर्तन 12 प्रतिशत की दर में हैं वहीं इससे जुड़े कटलरी आइटम 18 प्रतिशत में रखे गए हैं। स्कूली बच्चों द्वारा इस्तेमाल किये जाने वाले क्रेयॉन और पैस्टल 12 प्रतिशत में रखे गए है। गर्भ निरोधक को कर मुक्त रखा गया है, महिलाओं क़े स्वास्थ्य से जुड़े सेनेटरी नैपकिन को 12 प्रतिशत की कर दर में रखा है। ट्रांसपोर्टेशन को प्रभावी और सस्ता बनाने हेतु टायर एवं ट्यूब को 28 प्रतिशत क़े स्थान पर कम दर में रखा जाए। कैट ने सरकार से आग्रह किया है की व्यापारी संगठनों के साथ बातचीत कर जीएसटी कर दरों पर एक बार दोबारा विचार किया जाना ठीक होगा।

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