मुंबई। पुणे के बाद आज नागपुर में भी कांग्रेस पार्टी के स्थानीय नेताओं ने निर्माता-निर्देशक मधुर भंडारकर का विरोध किया, जो अपनी नई फिल्म इंदु सरकार का प्रमोशन करने यहां आए थे। कांग्रेसी नेताओं के विरोध के चलते यहां होने वाली इंदु सरकार की प्रेस कांफ्रेंस को रद्द कर दिया गया। कल पुणे में भी कांग्रेसी नेताओं के विरोध के चलते इस फिल्म की प्रेस कांफ्रेंस को रद्द कर दिया गया था।
नागपुर के पोर्टो होटल में मधुर की प्रेस कांफ्रेंस सुबह दस बजे शुरू होनी थी, लेकिन इसके शुरु होने से पहले ही कांग्रेस के नेताओं का झुंड वहां पंहुच गया और मधुर तथा उनकी फिल्म के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी।
कांग्रेसी नेताओं ने साफ किया कि वे मधुर को फिल्म की प्रेस कांफ्रेंस नहीं करने देंगे। स्थिति गंभीर होने से पहले ही मधुर ने खुद प्रेस कांफ्रेस को रद्द करने की घोषणा कर दी। नारेबाजी कर रहे कांग्रेसी नेताओं का आरोप है कि उनकी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को बदनाम करने के लिए मधुर ने ये फिल्म बनाई है।
इन नेताओं ने चेतावनी दी किे फिल्म के प्रमोशन के लिए मधुर भंडारकर अपनी टीम को लेकर जिस भी शहर में जाएंगे, वहां पार्टी के नेता उनका विरोध करेंगे। मधुर ने पुणे और नागपुर में विरोध के बाद कांग्रेस के नेता राहुल गांधी के नाम सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखकर पूछा है कि उनसे अभिव्यक्ति की आजादी क्यों छीनी जा रही है। मधुर ने राहुल गांधी से ये भी सवाल किया कि क्या वे अपनी पार्टी के नेताओं की इस गुंडागंर्दी का समर्थन करते हैं? नागपुर पुलिस ने मधुर भंडारकर और फिल्म की टीम की सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए हैं।
सूत्रों के मुताबिक, मधुर और टीम के कलाकार आज शाम तक मुंबई लौट रहे हैं। उम्मीद की जा रही है कि मुंबई लौटकर मधुर यहां एक प्रेस कांफ्रेस करेंगे, जिसमें वे कांग्रेसी नेताओं के उत्पात को लेकर अपना नजरिया रखेंगे। मधुर की इस फिल्म को 28 जुलाई को रिलीज होनी है, लेकिन अभी तक सेंसर से इसे सार्टिफिकेट नहीं मिला है। सेंसर बोर्ड ने इस फिल्म को लेकर दो डिसक्लेमर लगाने और साथ ही 14 कटस के आदेश दिए हैं। मधुर एक डिसक्लेमर लगाने के लिए तैयार हैं, लेकिन वे बाकी कट्स के लिए तैयार नहीं हैं और एपीलेट ट्रिब्यूनल में जाने के संकेत दे रहे हैं।
1975 के आपातकाल पर आधारित इस फिल्म में दो किरदार तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और उनके बेटे संजय गांधी से मिलते जुलते गेटअप में हैं। मधुर का दावा है कि इमरजेंसी के बैकड्राप पर उनकी फिल्म की कहानी काल्पनिक है, जिसमें सिस्टम के खिलाफ पति-पत्नी के संघर्ष की दास्तान है। कीर्ति खुल्लर, नील नितिन मुकेश, सुप्रिया विनोद और अनुपम खेर फिल्म की प्रमुख भूमिकाओं में हैं।