प्रशासनिक न्यायाधिपति, मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय खंडपीठ, इन्दौर न्यायमूर्ति सुजॉय पॉल की अध्यक्षता में इंदौर केंद्रीय जेल में विधिक जागरूकता शिविर आयोजित किया गया। इस मौके पर प्रधान जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, इन्दौर दिनेश कुमार पालीवाल, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, इन्दौर मनीष कुमार श्रीवास्तव, केंद्रीय जेल अधीक्षक अलका सोनकर सहित अन्य अधिकारीगण और जेल में रह रहे बंदीगण उपस्थित रहे।
प्रशासनिक न्यायाधिपति, मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय खंडपीठ, इन्दौर न्यायमूर्ति सुजॉय पॉल ने कहा कि वे केंद्रीय जेल में आयोजित किए गए कार्यक्रम में बंदियों द्वारा दी गई प्रस्तुति देख अभिभूत हो उठे हैं। उन्होंने कहा कि जागरूकता शिविर में विधिक तथा संवैधानिक कानून पर चर्चा की गई लेकिन वे प्रकृति के कानून के बारे में भी वहां मौजूद व्यक्तियों को अवगत कराना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि मन में उत्पन्न होने वाले विचार एवं विकार हमारे आचरण में परिलक्षित होते हैं।
इसलिए हमारा इन विचारों एवं विकारों पर नियंत्रण करना अति आवश्यक है। जो यह नियंत्रण खो देता है उसके आचरण पर मन में उत्पन्न होने वाले विचार और विकार का बुरा प्रभाव पड़ता है। यही प्रकृति का कानून है जिसका हम सभी पर बराबर प्रभाव पड़ता है। उन्होंने कहा कि संविधान के प्रावधानों और उद्देश्यों की पूर्ति के लिए विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा कार्य किया जा रहा है। इन कार्यों को और बेहतर एवं कारगर बनाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
विधिक जागरूकता शिविर के दौरान जेल में रह रहे कैदियों को निशुल्क विधिक सहायता के साथ-साथ महिला कैदियों के अधिकारों, प्ली बारगेनिंग आदि विषयों पर जानकारी प्रदान की गई। इस दौरान नाट्य रूपांतरण के माध्यम से भी बंधुओं को निशुल्क विधिक सहायता के बारे में आवश्यक जानकारी दी गई। शिविर के दौरान प्रशासनिक न्यायाधिपति, म.प्र. उच्च न्यायालय खंडपीठ, इन्दौर न्यायमूर्ति श्री सुजॉय पॉल जेल में बंद कैदियों के बच्चों को कपड़े एवं उपहार भी भेंट किए गए तथा केंद्रीय जेल का निरीक्षण भी किया गया।