भारत ओर सिंगापुर की नैासेना के बीच संयुक्त द्विपक्षीय अभ्यास-सिमबेक्स 10 से 21 नवंबर 2018 के बीच अंडमान समुद्र और बंगाल की खाड़ी में आयोजित किया जाएगा। आपको बता दें कि यह सिमबेक्स की 25वीं वर्षगांठ होगी। भारत और सिंगापुर के बीच नौसैनिक सहयोग की शुरूआत 1994 में हुई थी। जब सिंगापुर नौसेना के जहाजों ने भारतीय नौसेना के साथ प्रशिक्षण आरंभ किया था। मुख्य एंटी सबमरीन वॉर फेयर के रूप में शुरू हुआ यह सहयोग अब और ज्यादा व्यापक हो चुका है। हाल के वर्षों में इसमें विभिन्न प्लेटफॉर्मों पर आधुनिक अभ्यास भी शामिल हो चुके हैं।
प्रतीकात्मक फोटो
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गौरतलब है कि भारत की ‘ऐक्ट ईस्ट नीति’ पर अमल करते हुए हाल के दिनों में दोनों देशों के बीच कई उच्च स्तरीय वार्ताएं और समझौते किए गए हैं। जिससे परस्पर संबंध और प्रगाढ़ हो रहे हैं। भारत और सिंगापुर के बीच द्विपक्षीय वार्ताओं के साथ ही संयुक्त अभ्यासों और अन्य द्विपक्षीय सहयोग के लिए 20 से ज्यादा व्यवस्थाएं की गई हैं। जिन पर हर साल अमल किया जाता है। नवंबर 2015 में दोनों देशों के बीच इन संबंधों को रणनीतिक साझेदारी का रूप दिया गया।
मालूम हो कि इस वर्ष जून में शंगरिला डॉयलॉग पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सेन लूंग ने रक्षा और रणनीतिक साझेदारी के अलावा कई और क्षेत्रों में भी परस्पर सहयोग के कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए। इसमें सबसे महत्वपूर्ण समझौता भारतीय नौसेना और सिंगापुर की नौसेना के बीच किया गया कार्यान्वयन समझौता था।
उक्त समझौता आपसी समन्वयन, नौसेना के जहाजों, पनडुब्बियों और नौसेना के विमानों के रखरखाव और लाजिस्टिक्स से संबंधित है। इस समझौते के लागू होने के साथ ही दोनों देश अपने नौसैनिक संसाधनों को लॉजिस्टिक्स और सेवाओं के द्वारा एक-दूसरे के साथ साझा कर रहे हैं।