नई दिल्ली। आज हम बात करेगें 18 मई 1974 के इतिहास के बारें में, उस दिन बुद्ध जंयती थी तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी उस दिन एक फोन का इंतजार कर रही थीं। उनके पास एक वैज्ञानिक का फोन आता है और वह कहते हैं “बुद्ध मुस्कराए”। इस संदेश का मतलब था कि भारत ने पोखरण में परमाणु परीक्षण कर दिया है जो सफल रहा। इसके बाद दुनिया में भारत पहला ऐसा देश बन गया था जिसने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का सदस्य न होते हुए भी परमाणु परीक्षण करने का साहस किया है। यह वह दौर था जब भारत और पाकिस्तान के बीच दुश्मनी चरम पर थी।
इतना ही नहीं चीन भी उस समय भी पाकिस्तान के साथ ही था। यानी पाकिस्तान के समर्थन में उस समय दुनिया दो बड़े देश खड़े थे लेकिन भारत ने इन परिस्थितियों का बहादुरी सामना किया और सुरक्षा को लेकर देश के अंदर भी आवाज उठ रही थी। शक्ति संतुलन के लिए भारत को परमाणु क्षमता हासिल करना बेहद जरूरी हो गया था। लोगों का कहना था कि भारत के पास ये ताकत होगी तो वह दुनिया में सशक्त देशों के बीच आ जाएगा।
किसी को नहीं थी कानों कान खबर
इस पूरे अभियान को सफल बनाने में बड़ी भूमिका निभाने वाले वैज्ञानिक राजा रमन्ना ने अपनी आत्मकथा ‘इयर्स ऑफ पिलग्रिमिज’ में लिखा है कि इस पूरे ऑपरेशन के बारे में पीएम इंदिरा गांधी के अलावा, मुख्य सचिव पीएन हक्सर, पीएन धर, वैज्ञानिक सलाहकार डॉ. नाग चौधरी और एटॉमिक एनर्जी कमीशन के चेयरमैन एच. एन. सेठना और खुद राजा रमन्ना को ही जानकारी थी। कुछ लोगों का दावा है कि रक्षा मंत्री बाबू जगजीवन राम को भी ऑपरेशन सफल होने के बाद ही जानकारी हो पाई थी।
कब हुआ विस्फोट
परमाणु बम का व्यास 1.25 मीटर और वजन 1400 किलो था। सेना इसको बालू में छिपाकर लाई थी। सुबह 8 बजकर 5 मिनट पर यह राजस्थान के पोखरण में विस्फोट किया था। बताया जाता है कि 8 से 10 किमी इलाके में धरती हिल गई थी।
सृष्टि विश्वकर्मा…