नई दिल्ली। भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर वित्त मंत्रालय ने कहा है कि साल 2025 तक भारत की अर्थव्यवस्था दोगुनी होकर पांच हजार अरब डॉलर यानी की 3 करोड़ 25 लाख रुपये की हो जाएगी। हालांकि मंत्रालय ने ये भी कहा है कि भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा तय मुद्रास्फीति के लक्ष्य को लेकर कोई खतरा नहीं है। आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा कि देश सात से आठ प्रतिशत की वॉद्धि दर हासिल करने की तरफ आगे बढ़ रहा है। स्टार्ट अप, एमएसएमई और बुनियादी ढांचा निवेश पर ध्यान दिए जाने से अर्थव्यवस्था की रफ्तार और तेज की जा सकती है।
गर्ग ने भारतीय उद्योग परिसंघ के वैश्विक उद्योग संघ सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि मेरा मानना है कि ये सोचना काफी उचित होगी कि अगर अर्थव्यवस्था अगले सात से आठ साल तक वस्तुओं और सेवाओं का उत्पादन करती है और मांग में बढ़ोतरी होती है तो हम 2025 तक अर्थव्यवस्था के आकार को पांच हजार अरब डॉलर तक पहुंचा देंगे, जोकि एक उचित लक्ष्य है। फिलहाल भारत के सकल घरेलू उत्पाद का आकार 2,500 अरब डॉलर है और ये दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।
मुद्रास्फीति के बारे में गर्ग ने कहा कि यह काफी हद तक रिजर्व बैंक के लक्ष्य चार प्रतिशत (दो प्रतिशत ऊपर या नीचे) के दायरे में है। थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति फरवरी में सात महीने के निचले स्तर 2.48 प्रतिशत पर आ गई है.उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति फरवरी में चार महीने के निचले स्तर4.44 प्रतिशत पर रही है। रिजर्व बैंक ने अपनी फरवरी की मौद्रिक समीक्षा में नीतिगत दरों में बदलाव नहीं किया था।