लंदन। एक तरफ जहां सारा भारत गणतंत्र दिवस के अवसर पर देश प्रेम से लबरेज था तो वहीं दूसरी तरफ ब्रिटेन की राजधानी लंदन में गणतंत्र दिवस के अवसर पर भारतीय उच्चायोग में आयोजित कार्यक्रम में भारत के समर्थक और भारत के विरोधी आपस में भिड़ गए। पाकिस्तान मूल के लॉर्ड नजीर अहमद के नेतृत्व में भारतीय उच्चायोग के समाने भारत का विरोध किया गया,जिसका कई भारतीयों और ब्रिटेश समूहों ने विरोध किया है। लंदन में गणतंत्र दिवस के अवसर पर पाकिस्तान द्वारा काला दिवस मनाया गया। भारतीय उच्चायोग के सामने पाकिस्तान के समर्थकों ने भारत के विरोध में नारे लगाए और कश्मीर के साथ-साथ खालिस्तान के लिए आजादी की मांग की।
हालांकि इन प्रदर्शनकारियों को भारत के समर्थकों से कड़ा मुकाबला झेलना पड़ा, जिसके बाद भारत के समर्थक और विरोधी आपस में भिड़ गए और इस टकराव ने देखते ही देखते हिंसा का रूप अख्तियार कर लिया। टकराव को बढ़ता देख मौके पर पहुंची पुलिस ने मामले को शांत करवाया। भारत का विरोध कर रहे लॉर्ड नजीर को निशाने पर लेते हुए भारतीयों ने कहा कि नजीर पाकिस्तान के खेल को खुले तौर पर खेलकर ब्रिटेश प्रणाली का मजाक उड़ा रहे हैं। इसी के साथ भारत के उच्चायोग ने इस प्रदर्शन को एक बदनाम नेता की बेसब्र कोशिश बताया। दरअसल नजीर के प्रदर्शन को धता बताने के लिए लंदन में भारतीय नागरिकों के एक समूह ने ‘चलो इंडिया हाउस’ का आह्वान किया था।
भारतीय उच्चायोग की इमारत के बाहर दोनों पक्षों के दर्जनों लोगों ने एक-दूसरे पर खूब भड़ास निकाली, जिसके बाद मामला बढ़ता देख स्कॉटलैंड यार्ड के जवानों को बीच-बचाव करना पड़ा। आपको बता दें कि लॉर्ड नजीर काफी विवादास्पद व्यक्ति है, जिस पर कई घोटाले के आरोप हैं। उसे खतरनाक ड्राइविंग के लिए सजा भी मिल चुकी है। इसके अलावा लेबर पार्टी ने उन्हें उनके विरोधी विचारों के कारण निकाल दिया गया था। इसके अलावा कट्टरपंथी इस्लामवादियों की ओर उनकी कथित सहानुभूति भी जगजाहिर है। बताते चलें कि नजीर को यहूदी विरोधी विवाद के बाद 2013 में लेबर पार्टी से निलंबित कर दिया गया था।