December 11, 2023 10:46 am
featured भारत खबर विशेष

भारतीय टेक्सटाइल हब ने किया बड़ा दावा, पूरे देश के लिए बना सकते हैं मास्क और पीपीई ..

mask 1 भारतीय टेक्सटाइल हब ने किया बड़ा दावा, पूरे देश के लिए बना सकते हैं मास्क और पीपीई ..

भारत खबर के लिए श्री एन बी नायर की  रिपोर्ट।

देश में लगातार कोरोना के मरीज बढ़ते जा रहे हैं। सरकार की हर संभव कोशिश के बाद भी कोरोना संक्रमित लोगों का आंकड़ा 60 हजार को पार कर चुका है। ऐसे में सरकार की तरफ से लगातार मास्क लगाने को कहा जा रहा है। ताकि इंस गंभीर बीमारी से बचा जा सके। लेकिन लॉकडाउन के चलते पूरे दश में मास्क को पीपीई की कमी आ गई है।

mask 2 भारतीय टेक्सटाइल हब ने किया बड़ा दावा, पूरे देश के लिए बना सकते हैं मास्क और पीपीई ..
इन्हीं हालातों को देखते हुए देश के कपड़ा निर्माताओं और निर्यातकों की तरफ से बड़ा बयान आया है। जिसमें उन्होनें कहा कि,वे पूरे देश के लिए एक महीने से भी कम समय में फेस मास्क और व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण यानि की (पीपीई) की आवश्यकता को पूरा कर सकते थे।

आपको बता दें तमिलनाडु में तिरुपुर कपड़ा बनाने और निर्यात का केंद्र है, जिसमें देश से बुना हुआ कपड़ा निर्यात का 55-60 प्रतिशत है।

भारत खबर से बात करते हुए तिरुपुर एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राजा एम शनमुगम ने कहा कि,”हम बुना हुआ कपड़ा निर्माण कर रहे थे, लेकिन लॉकडाउन के बाद, सब बेकार हो गया और लगभग 150 कंपनियों ने गैर-बुने हुए वस्त्रों से पीपीई और मास्क का निर्माण शुरू कर दिया।

इतनी ही नहीं उन्होंने दावा भी किया कि,जब हमें पता चला की भारत सरकार देढ़ करोड़ पीपीई कीट बाहर से खरीद रही है तो हमने कपड़ा मंत्रालय के साथ संपर्क किया और कहा कि हम केवल एक महीने में पीपीई और मास्क की पूरे देश की मांगों को पूरा कर सकते हैं।

तिरुपुर एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राजा एम शनमुगम आगे कहा कि, भारत ने तमाम मास्क और पीपीई की खराब गुणवत्ता के बाद भी 15 मिलियन कोरोना रोधी उपकरण चीन से खरीदे।

शनमुगम ने आगे दावा करते हुए कहा कि, अगर सरकार पूरे देश की आबादी के लिए मास्क और पीपीई कीट बनाने का काम हमें देती है तो हम 20 दिनों के अंदर इसे तैयार कर सकते हैं।

शनमुघम ने आगे कहा कि, तिरुपुर हब अंतरराष्ट्रीय मानकों को पूरा करने के लिए 200 विशेष मशीनों रखे हुए है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि,तिरुपुर के निर्यातकों को 9,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

https://www.bharatkhabar.com/do-you-know-five-pandavas-won-the-mahabharata-five-tricks-of-lord-krishna/
और इसका सबसे बड़ा कारण ये है कि, अधिकरतर कपड़े मौसम के हिसाब से बनाये जाते हैं। और अगले सीजन के आते-आते ये फैशन से बाहर हो जाते हैं। जिससे नुकना उठाना पड़ता है।

 

Related posts

सीएम अखिलेश से नाराज शिवपाल दे सकते हैं मंत्रिमंडल से इस्तीफा

shipra saxena

राजस्थान से छिन गया ‘महारानी’ का ताज, कांग्रेस के अच्छे दिन, बैठक आज

Ankit Tripathi

कोरोना में कारगर फेविपिराविर टैबलेट, चयनित मेडिकल स्टोर्स पर होगी उपलब्ध

Shailendra Singh