शिमला। इंडियन टेक्नोमेक कम्पनी के हजारों करोड़ रुपये के घोटाले की गूंज मंगलवार को बजट सत्र के दौरान विधानसभा में सुनाई देगी। माकपा के विधायक राकेश सिंघा नियम-62 के तहत इस मुद्दे पर सदन का ध्यान आकर्षित करेंगे। सिरमौर जिले के औधोगिक क्षेत्र पांवटा साहिब में औद्योगिक इकाई इंडियन टेक्नोमेक पर 3000 करोड़ से अधिक के फर्जीवाड़े का आरोप है और सूबे में पहली बार इतना बड़ा घोटाला सामने आया है। विशेष औद्योगिक पैकेज की आड़ में इस कम्पनी के मालिक राकेश शर्मा ने अपने सहयोगियों के साथ इस घोटाले को अंजाम दिया है।
बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय और सीआईडी इस मामले की जांच कर रहे हैं। सीआईडी ने कम्पनी के निदेशक विनय को गिरफ्तार किया है, जो कि पूर्व आईएएस अधिकारी का बेटा है। जबकि कम्पनी के मालिक राकेश शर्मा व अन्य आरोपी फरार चल रहे हैं। दरअसल इंडियन टेक्नोमेक कंपनी लिमिटेड ने वर्ष 2009 से 2015 के बीच उत्पादन के जाली आंकड़ों के आधार पर इस पूरे घोटाले को अंजाम दिया तथा फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बैंकों से कर्ज लिए। टेक्नोमेक कंपनी के खिलाफ पांवटा साहिब थाने में विभिन्न धाराओं के तहत आपराधिक मामला दर्ज किया गया है।
वहीं करीब 15 पन्नों की शिकायत में कंपनी प्रबंधक समेत अन्य लोगों को नामजद किया गया है। प्रथमिकी में जिन लोगों को नामजद किया गया है उसमें कंपनी के मालिक व प्रबंध निदेशक राकेश कुमार शर्मा, सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी के बेटे विनय शर्मा, रंगनाथन श्रीवासन और अश्विनी कुमार शामिल हैं।
साथ ही शिकायत में 2175 करोड़ 51 लाख के टेक्स्ट फ्रॉड की बात कही गई है और साथ ही अलग-अलग बैंकों के 2300 करोड़ के अलावा आयकर विभाग के 780 करोड़ रुपये की देनदारी कंपनी पर बताई गई है। कुल मिलाकर धोखाधड़ी का यह पूरा आंकड़ा छह हजार करोड़ रुपये के पार का है। टैक्स घोटाले का मुख्य आरोपी राकेश शर्मा पिछले चार सालों से भूमिगत है। उस पर ना केवल टैक्स घोटाले का आरोप है बल्कि बैंकों से लिए गए ऋण ना चुकाने का भी आरोप है। इस घोटाले में आबकारी महकमे के तत्कालीन अधिकारियों की मिलीभगत की भी सम्भावना है।